राजनीति//Gujarat/Jaipur :
Gujarat Election 2022 : गुजरात में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद सोमवार को भूपेंद्र पटेल की दूसरी बार ताजपोशी हो गई। भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में सीएम पद की शपथ ली। इससे पहले भूपेंद्र पटेल ने सितंबर 2021 में पिछले कार्यकाल के लिए शपथ ली थी। भूपेंद्र पटेल के अलावा 16 विधायकों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली।
Gujarat Election 2022 : भूपेंद्र पटेल का सफरः इंजीनियर से फिर बिल्डर का सफर और फिर दूसरी बार सीएम बनने तक....
62 वर्ष के भूपेन्द्र पटेल आज दोपहर बाद एक दूसरी बार गुजरात में मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण की। पिछले साल सितंबर में गुजरात के सीएम बनने वाले भूपेन्द्र पटेल को 'दादा' कहते हैं। इससे पहले तक वे घाटलोडिया से विधायक थे और 2017 में पहली बार जीते थे लेकिन बीते 15 महीनों में भूपेन्द्र पटेल ने अपने काम से एक अलग जगह बनाई है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने उन्हें मृदु और मक्कम (अडिग) मुख्यमंत्री कहते हैं । भूपेन्द्र पटेल का सफर काफी रोचक हैं। वे पढ़कर इंजीनियर बने फिर बिल्डर और बाद में गुजरात के मुख्यमंत्री।
15 जुलाई 1962 को जन्मे भूपेन्द्र पटेल के पिता का नाम रजनीकांत और उनकी पत्नी का नाम हेतल पटेल है। उनके भाई का नाम केतन पटेल है। भूपेन्द्र पटेल के बेटे का नाम अनुज पटेल और पुत्र बहू का नाम देवांशी है। पाटीदार समाज से आने वाले भूपेन्द्र पटेल ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई में डिप्लोमा हासिल किया है। वे कडवा पाटीदार में आते हैं।
भूपेन्द्र पटेल सबसे पहले आरएसएस से जुड़े। डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद बिल्डर का काम शुरू किया। 1995 में मेमनगर नगर पालिका के सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 1999 और फिर 2004 में फिर से भूपेन्द्र पटेल पालिका के सदस्य बने। इसी दौरान उन्हें 1999 से 2004 तक नगर पालिका प्रमुख बनने का भी मौका मिला। इसके बाद भूपेंद्र पटेल 2008 से 2010 तक अहमदाबाद नगर निगम के उपाध्यक्ष बने। 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहे। 2017 के चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की सीट घाटलोडिया से चुनाव लड़े और 1.17 लाख मतों से जीत हासिल की। इस बार के चुनाव में उन्हाेंने और बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने 83 फीसदी वोट हासिल किए और कांग्रेस की उम्मीदवार अमी याज्ञनिक को 1.92 लाख वोटों से जीत दर्ज की।
एक अलग छवि बनाई
भूपेन्द्र पटेल काफी मृदु स्वभाव के व्यक्ति हैं। यही वजह है कि एक साल के कार्यकाल में ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नजर में अपनी अलग छवि बना ली। आज उन पर दोनों नेताओं का भरोसा है। वैसे भूपेन्द्र पटेल को पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि भूपेन्द्र पटेल की एक तरह से वे राजनीतिक गुरु भी रहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह भूपेन्द्र पटेल मंत्री नहीं, सीधे मुख्यमंत्री बने। बतौर मुख्यमंत्री जब भूपेन्द्र पटेल पाेरबंदर में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की तो उन्हें बुलडोजर दादा भी कहा गया।
PM Modi ने चुनाव प्रचार के दौरान उनकी इस कार्रवाई की तारीफ की थी। इसके बाद उन्होंने नरेंद्र और भूपेन्द्र की सरकार, डबल इंजन की सरकार का स्लोगन दिया।
22 लाख रुपये की संपत्ति
2022 के चुनाव में दिए शपथ पत्र में भूपेन्द्र पटेल ने 22 लाख रुपये की संपत्ति का खुलासा किया है। भूपेन्द्र पटेल के नाम पर कोई जमीन नहीं है। पत्नी हेतल बेन पटेल के नाम पर 16 लाख 30 हजार रुपये की कीमत की जमीन है। भूपेन्द्र पटेल के बाद 2 लाख 15 हजार 450 रुपये की नगदी है जबकि पत्नी के पास तीन लाख 52 हजार 350 रुपये की नगदी है।
भूपेन्द्र पटेल काफी सरल स्वभाव के हैं। वे पैंट-शर्ट के अलावा कुछ मौकों पर कुर्ता पहनते हैं। राजनीति के अलावा भूपेन्द्र पटेल को क्रिकेट में काफी दिलचस्पी है। वे क्रिकेट देखते हैं। खाली समय में उन्हें क्रिकेट और बैडमिंटर को खेलना और देखना दोनों पसंद है। पिछले 15 महीने के कार्यकाल में भूपेन्द्र पटेल कई बार प्रोटोकॉल तोड़ सामान्य लोगों के बीच रोड के किनारे बैठकर चाय पी चुके हैं। दादा के इस अंदाज पर काफी सुर्खियों भी बनी थीं।
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