क्राइम //Madhya Pradesh/Bhopal :
सागर, भोपाल और पुणे में छह लोगों की हत्या करने वाला सीरियल किलर आखिरकार शुक्रवार, 2 सितंबर को भोपाल में पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। पकड़े जाने से पहले छह दिन में वह चार जानें ले चुका था। ढाई सौ पुलिसकर्मियों की 10 टीमें पिछले दो दिनों से उसकी तलाश कर रही थीं। इससे पहले सागर में 72 घंटे में तीन हत्याएं कर उसने दहशत फैला दी थी।
सीरियल किलर का नाम शिव गोंड है। वह सागर के केसली का रहने वाला है और आठवीं तक पढ़ा है। वह गोवा में नौकरी कर चुका है और फर्राटे से इंग्लिश बोल लेता है। शिव गोंड ने पुलिस को बताया कि वह केजीएफ-2 फिल्म के रॉकी भाई की तरह गैंगस्टर बनना चाहता था। वह इसके लिए पैसे जमा कर रहा था। उसका अगला निशाना पुलिस वाले बनने वाले थे। उसे लगता था कि इससे वह मशहूर हो जाएगा और लोग उससे खौफजदां हो जाएंगे।
केजीएफ में गैंगस्टर रॉकी भाई का जलवा
केजीएफ सीरीज की दो फिल्में अब तक आई हैं जो बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही हैं। फिल्म में रॉकी भाई की केंद्रीय भूमिका है जो कोलार गोल्ड फील्ड्स से सोने की तस्करी के लिए अपनी गैंग बनाता है। गैंग की मदद से वह अपने सभी विरोधियों को खत्म करता है और फिर इस धंधे पर अपना एकाधिकार कायम करता है।
सोने वाले सिक्योरिटी गार्ड्स से नफरत
शिव गोंड का शिकार बने सभी सिक्योरिटी गार्ड थे। इनमें से चार की उम्र 40 से 60 साल के बीच थी। सिक्योरिटी गार्ड्स को निशाना बनाने के पीछे के मकसद का अब तक पता नहीं चला। आरोपी के मुताबिक उसे रात को सोने वाले सिक्योरिटी गार्ड्स से नफरत थी।
हत्याओं का एक पैटर्न: सिर पर वार
पुलिस की नाक में दम करने वाले सीरियल किलर ने जिन वारदातों को अंजाम दिया, उन सभी का पैटर्न एक जैसा था। वह रात को 12 से चार बजे के बीच निकलता था, जब गार्ड सो रहे होते थे। वह नींद में ही उनके सिर पर वार करता था। हथियार के रूप में वह पत्थर, डंडा, हथौड़ा जैसी कोई भारी चीज इस्तेमाल करता था।
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