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42 करोड़ भारतीयों  के फ़ोन में घुसा ‘स्पिन ओके’ नाम का जासूस,केंद्र ने एप स्टोर से एप डिलीट करवाया

ऑनलाइन कैश रिवॉर्ड, गेम्स, फिटनेस, वीडियो एडिटिंग, वीडियो मेकिंग, निवेश के ऐप के जरिए यह स्पाइवेयर फोन में पहुंचता है

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42 करोड़ भारतीयों के फ़ोन में घुसा ‘स्पिन ओके’ नाम का जासूस,केंद्र ने एप स्टोर से एप डिलीट करवाया

गैजेट्स//Delhi/ :

हम हर दूसरे दिन गूगल प्ले स्टोर से कोई न कोई ऐप डाउनलोड करते रहते हैं। लेकिन बिना सोचे समझे एप्स को इनस्टॉल करना घातक भी हो सकता है।आज जो तकनीकें स्मार्टफोन में आती जा रही हैं, उनका इस्तेमाल तो दूर उनके बारे में लोगों को पता तक नहीं होता।  जी हाँ , इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (सर्ट-इन) ने एक ऐसे स्पाइवेयर को खोज निकाला है, जो न सिर्फ फोन में मौजूद ईमेल आदि से जानकारियां चुराता है, बल्कि फोन के कैमरे का इस्तेमाल कर रिकॉर्डिंग भी करता है। जिन ऐप के जरिए यह स्पाइवेयर फोन में पहुंचता है, उनमें ऑनलाइन कैश रिवॉर्ड, गेम्स, फिटनेस, वीडियो एडिटिंग, वीडियो मेकिंग, निवेश के ऐप शामिल है।

42 करोड भारतियों के फ़ोन में "स्पिन ओके "
105 ऐप्स के जरिए 42 करोड़ फोन में स्पाइवेयर ‘स्पिन ओके’, फैला है।  इसको लेकर सर्ट-इन ने लोगों को आगाह किया  है।  केंद्र सरकार ने ने भी एडवाइजरी जारी कर सभी मंत्रालयों के स्टाफ से संदिग्ध ऐप हटाने को कहा है। 

ऐसे लगती है सेंध आपकी जानकारियों में 
यह ऐप के जरिए फोन में आता है और फिर जावा स्क्रिप्ट कोड के जरिए धीरे-धीरे अपनी कैपेसिटी बढ़ाता है। फोन में मौजूद डेटा की कॉपी कर उसे अज्ञात रिमोट सर्वर रूम तक भेज देता है। यह फोन से डिलीट की गई फाइलों को भी दोबारा हासिल कर लेता है। यह फोन में मौजूद फाइलों में बदलाव भी कर सकता है।  फोन के कैमरे का अपने आप ही इस्तेमाल करता है। 

प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप्स
हालांकि, रिसर्चर्स ने इस बारे में गूगल को अपडेट दिया है और लोगों को आगाह भी किया है कि वे इन ऐप्स को तुरंत मोबाइल से हटा दें ताकि उनका डेटा सुरक्षित रहे। हम आपको सलाह देते हैं कि आप अपने स्मार्टफोन में कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले वर्तनी, ऐप का विवरण और अन्य जानकारी की जाँच करें। साथ ही एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके रखें।

गेम्स और फ्री गिफ्ट का देते हैं लालच 
रिपोर्ट के मुताबिक, ये ऐप्स हर दिन यूजर्स को आकर्षित करने के लिए मिनीगेम्स के साथ-साथ फ्री गिफ्ट्स भी देते थे ताकि यूजर्स ऐप्स पर टिके रहें। एक बार डाउनलोड हो जाने के बाद, मैलवेयर लोगों के डेटा को चुरा लेता था और इसे रिमोट सर्वर पर भेज देता था जहां हैकर्स डेटा देख सकते थे।

बचने के लिए क्या करें?
सबसे पहले एंड्राएड फोन में एंटीवायरस और एंटी स्पाइवेयर डाउनलोन करें ।
किसी भी वेबसाइट या ऐप पर खुलने वाले विज्ञापनों पर क्लिक न करें ।
ई-मेल या अन्य माध्यमों से आने वाले अनजान लिंक पर क्लिक न करें ।
गूगल प्ले स्टोर से कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसका रिव्यू जरूर पढ़ें ।
ऐप के बारे में अतिरिक्त सूचनाएं सर्च करें।
जो वेबसाइट भरोसेमंद न हो, उससे कोई भी ऐप डाउनलोड न करे।
एंड्रायड फोन को समय-समय पर अपडेट करते रहें।
जिन ऐप के जरिए यह स्पाइवेयर फोन में पहुंचता है, उनमें ऑनलाइन कैश रिवॉर्ड, गेम्स, फिटनेस, वीडियो एडिटिंग, वीडियो मेकिंग, निवेश के ऐप शामिल है।

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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