बिजनेस//Maharashtra/Mumbai :
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के लिए यह खासा मुश्किल वक्त है। पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण उनका साम्राज्य हिल गया तो अब उन्हें अपना एफपीओ वापस लेना पड़ा है। इतना ही नहीं, क्रेडिट सुईस के बाद अमेरिका से भी उनके लिए झटका देने वाली खबर आई है। इधर, रिजर्व बैंक ने भी अडानी को लोन देने वाले बैंकों से रिपोर्ट तलब की है।
कुछ दिनों पहले तक 127 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के तीसरे सबसे अमीर उद्योगपति का ताज पहनने वाले गौतम अडानी इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह को बड़ा झटका लगा है। अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। आंकड़ों में देखें तो पिछले 5 दिनों में अडानी समूह के शेयरों के मार्केट कैप 39 फीसदी तक गिर चुका है। 5 दिनों में अडानी समूह को 743760 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के भंवर में फंसे अडानी को अपना एफपीओ वापस लेना पड़ा। फुल सब्सक्रिप्शन मिलने के बाद भी अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ वापस ले लिया गया। खुद गौतम अडानी ने सामने आकर निवेशकों के सामने अपनी बात रखी और कहा कि निवेशकों के हितों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
झटके पर लग रहा झटका
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अब क्रेडिट सुईस ने उन्हें झटका दिया। क्रेडिट सुईस की प्राइवेट बैंकिंग कंपनी ने अडानी ग्रुप के बॉन्ड/सिक्योरिटीज को जीरो लेंडिंग वैल्यू असाइन कर दी है। क्रेडिट सुईस के फैसले के बाद अडानी ग्रुप के शेयर 25 फीसदी तक गिर गए। ये सिलसिला इतने पर ही नहीं रूका। क्रेडिट सुईस के बाद सिटी ग्रुप ने भी अडानी समूह की कंपनी की लैंडिंग वैल्यू हटा दी है। 2 फरवरी को सिटी ग्रुप की वेल्थ यूनिट ने भी अडानी सिक्योरिटीज, नोट्स पर लोन देने पर रोक लगा दी है। उन्होंने अडानी समूह की सभी लेंडिंग वैल्यू को तुरंत प्रभाव से हटा दिया। इस खबर के आने के बाद से अडानी के शेयरों में गिरावट तो तय है।
रिजर्व बैंक भी हरकत में
रिजर्व बैंक और इंडिया ने भी बैंकों से अडानी ग्रुप में उनके एक्सपोजर की जानकारी मांगी है रिजर्व बैंक ने बैंकों को कहा है कि वो अडानी समूह को दिए गए कर्ज की पूरी जानकारी दें। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। वहीं सेबी भी अब इस मामले में अपनी निगरानी बढ़ा दी है।
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