साइंस//Andhra Pradesh/ :
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग स्टेशन से सूर्य मिशन आदित्य L-1 को लॉन्च कर दिया है, आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण पर आदित्य एल-1 की परियोजना निदेशक निगार शाजी का कहना है, "यह एक सपने के सच होने जैसा है। मुझे बेहद खुशी है कि आदित्य एल-1 को पीएसएलवी द्वारा इंजेक्ट किया गया है। आदित्य एल-1 ने अपनी 125 दिनों की लंबी यात्रा शुरू कर दी है।
Aditya L1 Mission: आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण पर आदित्य एल-1 की परियोजना निदेशक निगार शाजी का कहना है, "यह एक सपने के सच होने जैसा है। मुझे बेहद खुशी है कि आदित्य एल-1 को पीएसएलवी द्वारा इंजेक्ट किया गया है। आदित्य एल-1 ने अपनी 125 दिनों की लंबी यात्रा शुरू कर दी है। एक बार जब आदित्य एल-1 चालू हो जाएगा, तो यह देश और वैश्विक वैज्ञानिक बिरादरी के लिए एक संपत्ति होगी। मैं इस मिशन को संभव बनाने में उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहती हूं। " <
#WATCH | On the successful launch of Aditya L-1, Project Director of Aditya L-1, Nigar Shaji says, "This is like a dream come true. I am extremely happy that Aditya L-1 has been injected by PSLV. Aditya L-1 has started its 125 days of long journey. Once Aditya L-1 is… pic.twitter.com/zs1avDJ9ba
— ANI (@ANI) September 2, 2023
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निगार शाजी के बारे में
निगार शाजी आदित्य L-1 प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रही हैं। किसान परिवार से आने वाली निगार शाजी का गृहनगर तमिलनाडु के थेनकासी जिले का सेनगोट्टई कस्बा है। उनके माता-पिता शेख मीरान और सैतून बीवी हैं। पिता ने स्नातक तक की पढ़ाई की थी और वो खेती से जुड़े थे, जबकि उनकी मां घर संभालती हैं।
पढ़ाई
शाजी ने इंटर तक की पढ़ाई एसआरएम गर्ल्स स्कूल, सेनगोट्टई से की, फिर उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरिंग में बीटेक करने के लिए मदुरै के कामराज विश्वविद्यालय के तिरुनेलवेली सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज कॉलेज में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने झारखंड की राजधानी रांची स्थित बीआईटी से एमई की डिग्री हासिल की।
नौकरी
एमई की डिग्री मिलने के कुछ ही समय बाद इसरो ने नौकरी के लिए विज्ञापन निकाला। जिसमें निगार ने आवेदन किया। साल 1987 में उनका चयन इसरो के लिए हो गया है। निगार ने बताया कि उनकी शुरुआती नियुक्ति इसरो के प्रमुख केंद्र सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में हुई थी। कुछ समय तक यहां काम करने के बाद उनका स्थानांतरण बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में हो गया। वहां विभिन्न पदों पर काम करते हुए उन्होंने आदित्य L-1 परियोजना निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला। शाजी बताती हैं कि इसरो में महिलाओं के लिए काम करने का अनुकूल माहौल है।
बात दें की चंद्रयान-3 अभियान को मिली कामयाबी के बाद अब भारत ने सूरज की ओर कदम बढ़ा दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज अपना पहला सोलर मिशन शुरू कर दिया है। श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग पैड से आज 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य एल-1 ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी। अंतरिक्ष यान, 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा। यह वहीं से सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन करेगा।
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