स्वास्थ्य /// :
चीन में इस वक्त कोविड-19 से कोई बच नहीं पा रहा है। बीजिंग और दूसरे कई शहरों में क्लीनिक में मरीजों की भीड़ है। फुटपाथ तक मरीजों की कतार लगी हुई हैं। लोग कड़ाके की ठंड में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। विरोध के चलते कोरोना नियमों में छूट दी गई लेकिन उसके बाद हालात और भी खराब हो गए हैं।
कोरोना का नाम सुनते ही अब वैसा डर नहीं जैसा कुछ महीने पहले था। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों ने इससे राहत की सांस ली है लेकिन चीन अब भी इससे कराह रहा है। चीन के कई शहर, रेस्टोरेंट, सड़कें वीरान हैं। विरोध देख पाबंदियों में कुछ राहत दी गई तो एक और बड़ा संकट पैदा हो गया। कोरोना के मरीजों को ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है। इस पूरे मामले में चीन की पोल खुल रही है। चीन जिसको लेकर कई बार वायरस के वहीं से निकलने की आशंका जताई गई। चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश है लेकिन सरकार के कई ऐसे फैसले रहे, जिससे कि कोरोना का प्रभाव उस पर कम पड़ा। कोरोना के चलते जहां दुनिया के कई देशों की आर्थिक हालत बिगड़ गई वहीं भारत के फैसलों की तारीफ वैश्विक मंच पर हो रही है।
दशकों बाद चीनी राष्ट्रपति टेंशन में
कुछ ही दिनों पहले की बात है जब चीन के कई शहरों में कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। इस प्रदर्शन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पद छोड़ने की मांग की गई। चीन में ऐसा प्रदर्शन हालिया दशकों में पहले कभी नहीं हुए थे।
सब पर नजर नहीं रख सकते
पूरे चीन में इस कदर मामले फैल गए हैं कि उन पर नजर रखना असंभव हो गया है। चीन में दवाएं खत्म हो रही हैं। हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों की बाढ़ आ गई है। कई डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद इलाज कर रहे हैं।
चीन और यूरोप समेत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की हालत खराब है, ऐसे में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में कोई देश सबसे अच्छी तरह अर्थव्यवस्था को बढ़ा रहा है तो वह भारत है।
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