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आखिर रद्द हो गई आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता

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आखिर रद्द हो गई आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता

राजनीति//Uttar Pradesh /Lucknow :

उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रामपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की सदस्यता को रद्द कर दिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने वर्ष 2019 में भड़काऊ भाषण के मामले में खान को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। हालांकि आजम खान को जमानत जरूर मिल गई लेकिन सजा की घोषणा के बाद विधानसभा अध्यक्ष महाना ने आज शुक्रवार, 28 अक्टूबर को उनकी सदस्यता रद्द कर दी। अब रामपुर विधानसभा सीट रिक्त कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि हालिया विधानसभा चुनाव में जेल में रहते हुए आजम खान ने रामपुर से जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता को बरकरार रखा था और लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी हार गई और इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना परचम लहरा दिया।
आजम खान की विधायकी रद्द होने के बाद यूपी के राजनीतिक गलियारे में इन चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि रामपुर सदर सीट से आजम खान का उत्‍तराधिकारी कौन होगा? सिदरा अदीब आजम खान के बड़े बेटे अदीब खान की पत्नी हैं, जिनका नाम भी रामपुर से चुनाव लड़ने को लेकर लिया जा रहा है। वे सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहती हैं। इसके अलावा आसिम रजा को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह हाल ही में लोकसभा चुनाव में सपा के प्रत्याशी रह चुके हैं। उन्हें आजम का करीबी माना जाता है।
ध्यान दिला दें कि वर्ष 2018 के लोकसभा चुनाव के दौरान रामपुर की मिलक विधानसभा में आजम खान ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 27 अक्टूबर को इस मामले पर फैसला सुनाते हुए रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को दोषी करार दिया है। उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर लागू होता है। यह फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) निरस्त कर दिया था। यह धारा आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के बावजूद सांसदों, विधायकों को संरक्षण प्रदान करती थी।

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राकेश रंजन

By News Thikhana

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