राजनीति//Delhi/New Delhi :
अमित शाह ने जिस तरीके से कुछ दिन पहले नॉर्थ ईस्ट में राम मंदिर में भक्तों के लिए दर्शन की तारीख का ऐलान किया उसी दिन स्पष्ट हो गया था कि आने वाले दिनों में चुनावों की लाइन लेंथ क्या रहने वाली है।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जबरदस्त तैयारियां शुरू कर दी हैं। विश्लेषकों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी इस लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से ‘बैक टू बेसिक’ की राह से ही चुनावी जोर आजमाइश करेगी। हालांकि बैक टू बेसिक के साथ-साथ पार्टी डेवलपमेंट के एजेंडे को भी बराबर साथ लेकर चलेगी। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से भी इशारा मिल चुका है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में किन मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में उतरना है। उसी आधार पर अब एक बार फिर से देश के अलग-अलग राज्यों से माहौल बनना शुरू हो चुका है।
लोकसभा के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं सभी राजनीतिक दल अपने अपने हिसाब से चुनावी तीर कमान संभाल कर मैदान में उतर रहे हैं। इस कड़ी में जहां कांग्रेस पार्टी ने नफरत और मोहब्बत को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर चुनावी मैदान में उतर कर आगाज किया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर में भक्तों के लिए दर्शन की तारीख बता सियासी राह पर अपना इशारा स्पष्ट कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरीके से चुनाव नजदीक आ रहे हैं उसी तरह राजनैतिक पार्टियां अपने चुनावी एजेंडे स्पष्ट करती जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि अमित शाह ने जिस तरीके से कुछ दिन पहले नॉर्थ ईस्ट में राम मंदिर में भक्तों के लिए दर्शन की तारीख का ऐलान किया उसी दिन स्पष्ट हो गया था कि आने वाले दिनों में चुनावों की लाइन लेंथ क्या रहने वाली है। शुक्ला कहते हैं सिर्फ अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की ही बात नहीं बल्कि बीते कुछ समय में जिस तरीके से अलग-अलग राज्यों में मंदिरों के कायाकल्प की तैयारियां हो रही है या कायाकल्प हो चुके हैं। उनको लोगों के बीच में भारतीय जनता पार्टी बखूबी लेकर भी जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जिस तरीके से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन के महाकाल महालोक का भव्यतम तरीके से शुभारंभ किया वह न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना। इसी तरह राम मंदिर के तारीख की घोषणा करके भी स्पष्ट तौर पर संदेश दिया जा चुका है। राजनीतिक विश्लेषक देवेश राजपूत कहते हैं कि केंद्र सरकार तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत देश के अलग-अलग राज्यों के तीर्थ स्थलों का काया कल्प कर रही है। इस योजना के तहत नॉर्थ ईस्ट के कई मंदिर और तीर्थ स्थलों का भी पुनरुद्धार और कायाकल्प किया जा रहा है। इसमें अरुणाचल प्रदेश का परशुराम कुंड भी शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल 23 मई को कुंड में ऋषि परशुराम की 51 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा की नींव रखी थी। प्रसाद योजना के तहत परशुराम कुंड के लिए केंद्र सरकार ने 3787.74 लाख रुपये परशुराम कुंड जीर्णोद्धार और विकास के लिए जारी किए हैं। अरुणाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हीरोन रिमझे कहते हैं कि इस साल नवंबर तक यहां का पूरा काम हो जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि जैसे ही राम मंदिर बनकर तैयार होगा देश और विदेश से राम भक्तों का आना भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए अयोध्या में पूरी तैयारियां शुरू की जा चुकी है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के साथ-साथ लाखों लोगों के आने जाने के लिए बड़ा रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट भी बनकर तैयार हो चुका है। राम मंदिर निर्माण कमेटी से जुड़े एक वरिष्ठ सदस्य बताते हैं कि इस वक्त भी रोजाना हजारों की तादात में दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लगातार भक्त पहुंच ही रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव नजदीक आते-आते जैसे ही धार्मिक स्थल और अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़नी शुरू होगी, भारतीय जनता पार्टी का बगैर कहे अपना हिंदुत्व का सियासी एजेंडा सेट होता जाएगा। वह कहते हैं कि यही हिंदुत्व का एजेंडा तमाम हां और न के बीच 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए हमेशा के चुनावों की तरह एक बार से बड़ी ताकत के तौर पर उभरेगा।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सिर्फ अपने नॉर्थ ईस्ट ही नहीं बल्कि गुजरात, राजस्थान और दक्षिण भारत के तमाम बड़े मंदिरों के कायाकल्प की पूरी तैयारियां शुरू हो चुकी है। छोटे-छटे मंदिरों के कॉरिडोर को डिवेलप करने के लिए अलग-अलग राज्यों की इकाइयों ने सर्वे भी पूरा कर लिया है। खासतौर से उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे जिलों के इतिहास समेटे हुए पुराने मंदिरों का कायाकल्प भी किया जा रहा है। इसी तरह मध्यप्रदेश राजस्थान गुजरात छत्तीसगढ़ और दक्षिण भारत के भी मंदिरों में प्रसाद योजना के तहत विकास कार्य और डेवलपमेंट का पूरा खाका खींचा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक जटाशंकर सिंह कहते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे भारतीय जनता पार्टी अपने कराए गए विकास के कार्य को जनता के बीच लाती जाएगी। वह कहते हैं कि एक तरह से यह केंद्र की एक योजना के तहत किए गए विकास कार्य का ही नमूना होगा लेकिन हिंदुत्व के मुद्दे और एजेंडे को भलीभांति भारतीय जनता पार्टी के लिए स्थापित भी करने वाला भी होगा।
सियासी जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकारों में कराए जाने वाले विकास के कार्य और हिंदुत्व के मुद्दे को पीछे रख भी नहीं सकती। भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी हिंदुत्व और विकास की बात शुरुआत से करती आई है। वह कहते हैं कि हमारे आस्था के प्रतीकों, मंदिरों और संत महात्माओं की धरती को अगर हमारी सरकारें सुव्यवस्थित करके वापस उसको उसी तरह लेकर आ रही है तो इसमें बुराई क्या है। पार्टी के उक्त नेता का कहना है कि अन्य राजनैतिक दलों के लिए ये सब राजनीतिक मुद्दे हो सकते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक एक व्यक्ति के लिए हमारी सनातन परंपरा और आस्था के प्रतीक हैं। जिन को सजाना संवारना और बचाना हर भारतीय का कर्तव्य है।
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