Brahmastra
मनोरंजन जगत/सिनेमा/Delhi/New Delhi :
बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट ट्रेंड के बीच आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की केंद्रीय भूमिका वाली इस साल की सबसे बड़े बजट वाली फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ थियेटरों में 9 सितंबर को रिलीज होने वाली है और यह दर्शकों में धमाल मचाने जा रही है। फिल्म की एडवांस बुकिंग काफी बेहतर हो रही है। ‘ब्रह्मास्त्र’ ने पीवीआर चेन प्रॉपर्टीज में लगभग ढाई दिनों में ‘आरआरआर (हिंदी)’ और ‘भूल भुलैया’ की बढ़त को मात दी है।
ब्रह्मास्त्र के लिए बुकिंग की यह स्थिति अभी भी बड़े मल्टीप्लेक्स और 3 डी स्क्रीनिंग तक ही है। छोटे मल्टीप्लेक्सों में अभी भी जगह बची है और अगर फिल्म को लेकर यह ट्रेंड बड़े मल्टीप्लेक्सों के जैसे ही रहे, तो यह फिल्म कई अन्य फिल्मों को पीछे छोड़ सकती है। फिलहाल जयपुर, इंदौर और पटना जैसी जगहों पर बड़े सिनेमाघरों में ब्रह्मास्त्र के लिए अच्छी ओपनिंग देखने को मिल रही है।
इस बीच फिल्म को पाइरेसी का डर भी सता रहा है। बहुत सी फिल्में रिलीज होते ही लीक भी हो जाती हैं। इससे दर्शक सिनेमाघरों तक नहीं जाते और निर्माताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। 'ब्रह्मास्त्र' के रिलीज होने से पहले ही इसके निर्माता दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंच गये हैं। उनकी याचिका के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने 18 गैर कानूनी वेबसाइटों को फिल्म को स्ट्रीम करने से रोकने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि स्टार इंडिया ने कॉपीराइट के तहत दिल्ली उच्च न्यायालय याचिका दायर कर कहा है, फिल्म के लिए यह जरूरी है कि वह सिनेमाघरों में बिजनस करे लेकिन अगर लीक होती है तो बहुत नुकसान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि गैर-कानूनी वेबसाइट फिल्म को ऑनलाइन पब्लिश करके गलत तरीके से बिजनस करती हैं। इस याचिका पर जस्टिस ज्योति सिंह ने आदेश दिया कि स्टार इंडिया ने जो पैसा लगाया है उसके हिसाब से कॉपीराइट एक्ट के तहत फायदा कमाने का अधिकार केवल उनका है।
उन्होंने आदेश में कहा कि कोर्ट किसी भी तरह से गैर-कानूनी तरह से किसी भी प्लैटफॉर्म पर फिल्म की होस्टिंग, स्ट्रीमिंग, ट्रांसमिशन, प्रदर्शन या डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध करने पर रोक लगाती हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी इंटरनेट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फिल्म को शेयर करना गैर-कानूनी होगा। न्यायालय ने अपने आदेश में दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी निर्देश जारी कर कहा है कि अगर आदेश का उंल्लघन हो तो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया जाए।
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