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कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के मुताबिक वह किसी भी प्रत्याशी का खुलकर समर्थन नहीं कर सकते हैं, इसके बावजूद गहलोत ने खड़गे के लिए वोट मांगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए पार्टी का ही प्रोटोकॉल तोड़ दिया है। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के मुताबिक वह किसी भी प्रत्याशी का खुलकर समर्थन नहीं कर सकते हैं, इसके बावजूद गहलोत ने खड़गे के लिए वोट मांगे।
क्या कहा गहलोत ने
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष वो हो, जो अनुभव के साथ संगठन, नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क रखता हो। उसकी हैसियत ऐसी हो जो तमाम विपक्षी दलों से बातचीत कर सकता हो। केंद्र सरकार और भाजपा से अब सब दलों को मिलकर संघर्ष करना है। अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति बने, जो सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। खड़गे की योग्यता देखकर हम उनके प्रस्तावक बने। मैं उम्मीद करता हूं, जो भी डेलीगेट हैं, वो भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे। कामयाब होने के बाद वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे। कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी। यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं हैं, खड़गे भारी मतों से कामयाब हों।
क्या है कांग्रेस की गाइडलाइन
कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार कोई नेता पद पर रहते हुए किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकता है। कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर 30 सितंबर को ही 7 पॉइंट की गाइडलाइन जारी की थी। कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन में लिखा है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, सीएलपी लीडर, प्रभारी महासचिव, सचिव, प्रवक्ता पदों पर रहते हुए अध्यक्ष पद के किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकते। अगर कोई अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का प्रचार करना चाहे तो पहले संगठन के पद से इस्तीफा देना होगा।
नहीं कर सकते प्रचार
अगर उन्हें किसी उम्मीदवार का प्रचार करना है तो पहले गहलोत को पद छोड़ना होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल के नेता है, ऐसे में वह पार्टी गाइडलाइन के अनुसार खड़गे का प्रचार नहीं कर सकते हैं।
गहलोत के कदम से थरूर नाराज
भोपाल पहुंचे अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने गहलोत के खड़गे के पक्ष में प्रचार करने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा- कांग्रेस इलेक्शन अथॉरिटी के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को देखना चाहिए कि कहां गलत हो रहा है। वह इसके हिसाब से कार्रवाई करें।
गहलोत खड़गे के प्रस्तावक थे
अशोक गहलोत अध्यक्ष चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने थे। इसलिए कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग का तर्क है कि ऐसा करना गलत नहीं है। इसके बावजूद केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन में प्रस्तावक को पद पर रहते हुए प्रचार करने की छूट का जिक्र नहीं है।
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