क्राइम //Maharashtra/Mumbai :
1993 दंगों के एक आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए वो तमाम जतन किए जो वो कर सकता था, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। इधर पुलिस आरोपी को ढूंढ रही थी और वह अपना नाम, पता बदलकर 29 साल तक पुलिस को धोखा देता रहा। अतहर बेग, रियाज बेग को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने जमानत दी थी। 2004 तक वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया।
1993 दंगे मामले में जमानत मिलने के बाद बेग ने दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी और अपने नाम के साथ 'मिर्जा' जोड़ दिया। वह पिछले 29 वर्षों से पुलिस से छिपा रहा। जब भी पुलिस उसके घर जाती, तो वह उन्हें यह कहते हुए वापस भेज देता था कि वह अतहर बेग रियाज बेग नहीं बल्कि अतहर बेग रियाज बेग मिर्जा हैं। पिछले हफ्ते पुलिस ने बेग को गिरफ्तार किया। पुलिस को पता चला कि वह दक्षिण मुंबई के नल बाजार में रह रहा है।
12 आरोपी किए गए थे गिरफ्तार
बेग पर दंगों के दौरान हत्या और दंगा करने के प्रयास के आरोप हैं। वह इस केस का मुख्य आरोपी है। पुलिस ने बेग के साथ 11 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। सभी 12 आरोपियों को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वर्ष 2004 में, अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया और जब वह अभी भी अदालत के सामने पेश नहीं हुआ, तो उसके खिलाफ एक स्थायी वारंट जारी किया गया।
पुलिस ने ऐसे पकड़ा
बीते दिनों डोंगरी पुलिस नल बाजार में उसकी दुकान के पास गई। वहां उसे लेकर पूछताछ की। बाद में उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपना असली नाम कुबूल कर लिया।
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