भारत ने एक दिवसीय क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया, ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में 10 विकेट खोकर बनाये 276 रन और भारत ने 48.4 ओवरों में 5 विकेट के नुकसान पर बनाये 281 रन अयोध्या: महिला आरक्षक पर सरयू एक्सप्रेस में हमला करने वाला आरोपी एनकाउंटर में ढेर कनाडा में 25 सितंबर को खालिस्तानी प्रदर्शन को सफल बनाने में ISI कर रही मदद कनाडा: निज्जर हत्याकांड के सबूत जारी करने की मांग पर पीछे हटे जस्टिन ट्रूडो कनाडा पुलिस ने शुरू की गैंगस्टर सुक्खा हत्याकांड की जांच झारखंड: आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे डॉक्टर, इमरजेंसी सेवाएं बंद रहेंगी दिल्ली: लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में आज सुनवाई करेगा राउज एवेन्यू कोर्ट दिल्ली: मथुरा कृष्ण जन्म भूमि मामले में आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की पत्नी के साथ व्हाइट हाउस का दौरा करेंगे दिल्ली: बीजेपी महिला मोर्चा आज पार्टी मुख्यालय में पीएम मोदी का भव्य स्वागत करेगा वर्ल्ड चैंपियनशिप में युवा पहलवान अंतिम पंघाल ने जीता ब्रॉन्ज मेडल जी20 में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के साथ आज भारत मंडपम में डिनर करेंगे पीएम मोदी राज्यसभा में भी महिला आरक्षण विधेयक पारित, महिला सांसदों ने PM मोदी के साथ मनाया जश्न 'देश की लोकतांत्रिक यात्रा का ऐतिहासिक क्षण,' महिला आरक्षण बिल पास होने पर PM मोदी का ट्वीट महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित आज है विक्रम संवत् 2080 के भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि मध्याह्न 01 बजकर 35 मिनट तक तदुपरांत अष्ठमी यानी शुक्रवार 22 सितंबर 2023
अपनी मोटी खाल से मर रहे चीते... इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स ने सौंपी रिपोर्ट

पर्यटन

अपनी मोटी खाल से मर रहे चीते... इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स ने सौंपी रिपोर्ट

पर्यटन//Madhya Pradesh/Indore :

प्रोजेक्ट चीता में शामिल इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अफ्रीका में सर्दियों के लिए चीतों में बालों (फर) की मोटी परत बनती है, भारत की गीली और गर्म कंडीशंस में यही चीतों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।

सरकार को सौंपी एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया है कि घातक इनफेक्शन से निपटने और चीतों की मौतें रोकने के लिए चीतों के शरीर से इस फर को हटा देना चाहिए। अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क लाए गए 20 चीतों में से 6 की अब तक मौत हो चुकी है। इनमें से एक मौत बुधवार को ही हुई है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि मोटी परत, हाई पैरासाइट्स और नमी स्किन इनफेक्शन के लिए परफेक्ट साबित हो रही है। इसके ऊपर मक्खी का हमला इनफेक्शन को बढ़ाता है। इससे स्किन फटने लगती है।
जो हालात में ढल जाएंगे, वे ही बचेंगे
उन्होंने कहा कि जब चीते अपने कूबड़ पर बैठते हैं तो इनफेक्शन फैलता है। इससे निकलने वाला लिक्विड उनकी रीढ़ की हड्डी तक पहुंच जाता है। इससे उनकी मौत हो रही है। हालांकि प्रोजेक्ट से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सभी चीतों में मोटी परत नहीं विकसित हुई है। इनमें से कुछ चीते जिनके लंबे बाल नहीं हैं, उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है। भारतीय परिस्थितियों में जो खुद को ढाल सकेंगे वही चीते और उनकी संतानें यहां जीवित रहेंगी।
जलवायु ही एकमात्र कारण नहीं
सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में एक्पर्ट्स ने कहा कि हालांकि क्लाइमेट ही चीतों के लिए महत्वपूर्ण फैक्टर नहीं है। क्योंकि ये दक्षिणी रूस से दक्षिण अफ्रीका तक फैले हुए हैं। यहां का क्लाइमेट ओवरलैप होता है। रिपोर्ट में एक रिसर्च का हवाला दिया गया है। इसके अनुसार 2011 और 2022 के बीच 364 मेटापॉपुलेशन ट्रांसफर के डेटा से यह भी संकेत मिलता है कि चीता जिंदा रहने में क्लाइमेट का अधिक महत्व नहीं है।

पहले गले में पहनाए कॉलर को कारण बताया था
इसके पहले दक्षिण अफ्रीकी चीता मेटापॉपुलेशन विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने कहा था कि चीतों की मौत का कारण उनके गले में पहनाए गए रेडियो कॉलर से हुआ इन्फेक्शन है। उनका कहना था कि रेडियो कॉलर के कारण गर्दन के आसपास नमी बनी रही और बैक्टीरिया पैदा हो गए। इस कारण चीतों को सेप्टीसीमिया हो गया जिससे उनकी मौत हो गई। मेरवे ने कहा कि वह द चीता मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव की ओर से दक्षिण अफ्रीका में चीता मेटापॉपुलेशन प्रोजेक्ट का प्रबंधन करते हैं।

You can share this post!

author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

Comments

Leave Comments