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रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन ने कहा कि वह भारत के साथ नए संबंध शुरू करना चाहता है। भारत यात्रा पर आई हुई यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की प्रथम उपमंत्री ने 2014 में पूर्वी यूक्रेन के क्रीमिया पर रूस के कब्जे को नई दिल्ली के लिए एक सबक बताते हुए कहा कि चीन और पाकिस्तान के रूप में भारत का पड़ोस भी मुश्किल है।
पिछले साल 24 फरवरी को रूस अपने देश पर आक्रमण शुरू करने के बाद पहली बार यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की पहली उप मंत्री एमीन झापारोवा भारत का दौरा कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘एक संदेश है जिसके साथ मैं भारत आई हूं। यूक्रेन वास्तव में चाहता है कि भारत और यूक्रेन करीब आएं। हां, हमारे बीच एक इतिहास है। लेकिन हम भारत के साथ एक नया संबंध शुरू करना चाहते हैं।
मंत्री ने आगे कहा, ‘भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ एक कठिन पड़ोस भी है। क्रीमिया प्रकरण भारत के लिए भी एक सबक है। जब भी दंडमुक्ति मिलती है और अगर इसे रोका नहीं जाता है, तो यह बड़ा हो जाता है।
इससे पहले झापारोवा ने कहा था कि भारत एक वैश्विक नेता है और वह प्रमुख वैश्विक चुनौतियों से निपटने और शांति को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दिए गए संदेश का जिक्र किया कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं है।’
झापारोवा ने कहा कि उन्होंने रूस की ‘अकारण आक्रामकता’ से लड़ने के यूक्रेन के प्रयासों के बारे में भारतीय पक्ष को अवगत कराया और नई दिल्ली को राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के शांति फार्मूले और अनाज पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। झापरोवा ने भारत को एक वैश्विक नेता और ‘विश्वगुरु’ बताया जो वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भूमिका निभा सकता है।
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