दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, 20 मार्च तक भेजे गये जेल में
क्राइम //Delhi/New Delhi :
शराब घोटाला कांड में घिरे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उनकी होली जेल में ही मनने वाली है। आज, सोमवार 6 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में फिर से पेश किया गया, जहां से उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि 10 मार्च को उनकी जमानत सुनवाई होनी है लेकिन इस बीच उन्हें आज ही तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
इससे पूर्व आज जब सीबीआई ने सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया तो वे मुस्कुराते हुए दिखे। जब उन्हें पेशी के लिए ले जाया जा रहा था तो उन्होंने मीडिया के सामने हाथ हिलाकर अभिवादन भी किया। उल्लेखनीय है कि 51 साल के सिसोदिया ने अदालत के सामने जमानत याचिका में कहा था कि सीबीआई उनसे बार-बार एक जैसे सवाल पूछ रही है। सिसोदिया का दावा है कि इस तरह उनका मानसिक शोषण किया जा रहा है।
बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने कहा था कि सिसोदिया को हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं है। उनकी दलील थी कि एजेंसी की अक्षमता को हिरासत में रखने का आधार नहीं बनाया जा सकता। सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई से कहा था कि कुछ नया पूछने को हो तो ही सिसोदिया से पूछें। सीबीआई का कहना था कि सिसोदिया सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
उधर, दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले कहा था कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन उनका साथ छोड़कर बीजेपी में चले गए होते तो तो आज न तो वे जेल में होते और न ही उन पर कोई मुकदमा होता। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे गैर बीजेपी शासित राज्य सरकारें गिराने के लिए सीबीआई व ईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री गवर्नरों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। यही हालत दिल्ली में भी है। यहां भी उपराज्यपाल देश के संविधान और सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते, ऐसे में देश कैसे चलेगा?
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