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अतिवृष्टि से मध्य प्रदेश में लहसुन की गुणवत्ता पर विपरीत असर, किसानों को मिल रहे हैं लागत से भी कम दाम

अतिवृष्टि से मध्य प्रदेश में लहसुन की गुणवत्ता पर विपरीत असर, किसानों को मिल रहे हैं लागत से भी कम दाम

//Madhya Pradesh/Indore :

मध्य प्रदेश की मंडियों में जबर्दस्त आवक और सीमित बिक्री के चलते लहसुन के दामों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। मंडियों में खराब और अच्छी गुणवत्ता के लहसुन के अलग-अलग दामों के चलते भी ऐसे हालात बन रहे हैं। ओर जहां न्यूनतम भाव 50 रुपए प्रति क्विंटल तो दूसरी ओर अधिकतम भाव 6 हजार प्रति क्विंटल तक रहा है। लहसुन के दामों में आ रही गिरावट को देखते हुए किसाने मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन का आवक में कमी करने का फैसला कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की मंडियों में किसानों को लहसुन की पैदावार लागत निकालना भी कठिन होता जा रहा है। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े लहसुन उत्पादक शहरों में शामिल रतलाम, नीमच और इंदौर जैसी मंडियों में लहसुन के थोक भाव 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो पहुंच गये हैं। कम दाम मिलने के कारण किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

मध्यप्रदेश में इन दिनों किसानों की हालत बेहद ही खराब नजर आ रही है, जिसके पीछे का कारण लहसुन की कीमतों का ना मिलना है। यही कारण है कि, लहसुन की कम कीमत मिलने के कारण अब किसानों में गुस्सा नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश के मालवा अंचस में बड़े पैमाने पर लहसुन की खेती होती है और इस साल लहसुन की बंपर पैदावार हुई है। इसके अलावा अत्यधिक बारिश के कारण लहसुन की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ा है। इस वजह से किसानों को लहसुन के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। यह हालात मध्य प्रदेश की सभी प्रमुख लहसुन मंडिलों में बने हुए हैं।

 

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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