राजनीति//Madhya Pradesh/Bhopal :
चुनावी समर में राजनीतिक दलों की टीमें तैयार हो रही हैं। रणनीतियां बनायी और बदली जा रही हैं। कई नेताओं को अपने-अपने टिकट कटने की आशंका सताने लगी है और उनकी एक दल से दूसरे दल में आवाजाही शुरू हो चुकी है। सत्ता को लेकर नये-नये आकलन और सर्वे सामने आने लगे हैं और राजनीतिक दल अपने-अपने दावे कर रहे हैं। एक चुनावी सर्वे के कारण मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति बदलने में लगी है। सत्ता में वापसी के लिए भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया है।
चुनाव पूर्व एक सर्वे के मुताबिक भाजपा को मध्य प्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में इस बार बड़ा आघात लगने वाला है। भाजपा का कहना है कि यह सर्वे रिपोर्ट 20 सितंबर तक की है जबकि बीजेपी ने अपनी रणनीति में महामंथन कर 27 सितंबर के बाद परिवर्तन किया है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नरेन्द्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्र में मंत्री है। यद्यपि वर्ष 2020 में हुए उपचुनाव में भाजपा को लाभ जरूर मिला था लेकिन सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के ग्वालियर और मालवा क्षेत्रों में झटका लगता दिख रहा है।
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष नवबर-दिसंबर में मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों को विधानसभा चुनाव होने हैं क्योंकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त होने जा रहा है। चुनाव की औपचारिक घोषणा से पहले ही राजनेतिक दल तैयारियों में जुटे हैं। यह भी बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 में हुआ था। चुनाव के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई, जिसमें कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद मार्च 2020 में कांग्रेस के 22 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ देते हुए भाजपा में शामिल हो गए। इस परिस्थिति में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च 2020 को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार फिर राज्य में भाजपा की सरकार बन गयी।
इस बार विधानसभा चुनाव की संभावना रिपोर्ट के अनुसार ग्वालियर अंचल में भारतीय जनता पार्टी की सीटें कम होने का अनुमान है। इस क्षेत्र में 34 विधानसभा सीटें हैं और भारतीय जनता पार्टी को केवल 4 से आठ सीटें ही मिलती नजर आ रही हैं। इस क्षेत्र में कांग्रेस को 26 से 30 सीटें मिलती लग रही हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में इस क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था लेकिन तब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में ही थे। इस क्षेत्र में भाजपा का अपना भी सर्वे हुआ और उसमें सीटों में कमी आने की आशंका जताई गयी है। भाजपा अब तक 39 लोगों के नामों की सूची जारी कर चुकी है और उसने ने इस बार केंद्र में मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मालवा क्षेत्र में भी झटका लग सकता है। इस क्षेत्र में 66 विधानसभा सीटें हैं और इसे भाजपा का ही गढ़ माना जाता है। इस सर्वे रिपोर्ट में बीजेपी को महज 20 से 24 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि यहां कांग्रेस बड़ी बढ़त हासिल करती दिख रही है। कांग्रेस के खाते में 41 से 45 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं। इन्ही परिस्थितियों ने भाजपा को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है।
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