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विशेष सत्र के बाद नए संसद भवन में एंट्री...! 5 दिन के लिए सरकार की है खास तैयारी

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विशेष सत्र के बाद नए संसद भवन में एंट्री...! 5 दिन के लिए सरकार की है खास तैयारी

राजनीति//Delhi/New Delhi :

आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया है। इससे पहले रविवार को ध्वजारोहण कार्यक्रम हुआ। सत्र के पहले दिन राज्यसभा में 75 सालों की संसदीय यात्रा, उपलब्धियांे, अनुभव, यादों और सीख पर बात होगी। राज्यसभा में पोस्ट ऑफिस बिल 2023 और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े बिल पेश किए जाएंगे। ये दोनों बिल राज्यसभा में पेश होने के बाद लोकसभा में रखे जाएंगे।

नए संसद भवन में पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत सोमवार से होगी। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार सुबह नए भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान, राजनीति के धुर विरोधियों को साथ-साथ ठहाके लगाते देखा गया। सत्र के पहले दिन राज्यसभा में 75 सालों की संसदीय यात्रा, उपलब्धियां, अनुभव, यादों और सीख पर बात हो रही है। राज्यसभा में पोस्ट ऑफिस बिल 2023 और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े बिल पेश किए जाएंगे। ये दोनों बिल राज्यसभा में पेश होने के बाद लोकसभा में रखे जाएंगे। 
लोकसभा में एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2023 और प्रेस एवं रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल्स बिल 2023 पेश होंगे। ये बिल 3 अगस्त को राज्यसभा से पास हो चुके हैं। सत्र की पहले दिन की कार्यवाही पुरानी संसद में होगी। इसके बाद 19 सितंबर को नई संसद में कामकाज शुरू हो जाएगा। नए संसद भवन में जाते समय संसद कर्मचारी नेहरू जैकेट और खाकी रंग की पैंट पहनेंगे। 
पांच दिन के सत्र में 8 विधेयकों पर होगी चर्चा
विशेष सत्र से पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि सत्र के दौरान कुल आठ विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक और ैब्ध्ैज् आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है।
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति समेत कई मुद्दों पर जोर
पहले सूचीबद्ध विधेयकों में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है। यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था और विपक्ष ने इसका विरोध किया था, क्योंकि इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों को कैबिनेट सचिव के बराबर रखने की मांग की गई है न कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर। इसे उनके कद में गिरावट के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि किसी भी संभावित नए कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन भाजपा समेत अन्य लोगों की राय है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए कोटा सुनिश्चित करने के लिए एक विधेयक लाया जाएगा। 
महिला आरक्षण विधेयक पर भी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन सहित अक्सर इस बात पर प्रकाश डाला है कि देश में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका ने इस तरह के विधेयक के बारे में चर्चा बढ़ा दी है। पांच दिवसीय सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने की विभिन्न दलों की मांग पर सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर, प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार उचित समय पर उचित निर्णय लेगी। लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, यह समारोह भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद करेगा और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेगा। सरकार का विधायी कामकाज 20 सितंबर से नए भवन में शुरू होगा। मंगलवार सुबह लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया है। 
मंगलवार को होगा ग्रुप फोटो 
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, सभी सांसदों को मंगलवार सुबह 9.30 बजे ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि समूह फोटो के लिए पुरानी इमारत के आंतरिक प्रांगण में व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन में प्रवेश के लिए सांसदों को नए पहचान पत्र भी जारी किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कैटरिंग भी 19 सितंबर को नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगी।
सरकार ने मंत्रियों को दिया ये आदेश
सरकार की ओर से सभी कैबिनेट मंत्रियों, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्रियों को विशेष सत्र के पांचों दिन सदन की पूरी कार्यवाही के दौरान पूरे समय मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। आदेश के मुताबिक, लोकसभा सांसद जो मंत्री हैं, उनको लोकसभा और राज्यसभा से सांसद मंत्रियों को पूरी कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में मौजूद रहने का निर्देश मिला है। अमूमन दोनों में सदनों में एक-एक मंत्री की कार्यवाही के दौरान रोस्टर ड्यूटी लगती है। 
सर्वदलीय बैठक में क्या हुआ?
आपको बता दें कि संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, डीएमके नेता वाइको, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता वी शिवदासन सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने पहुंचे। रविवार को कई सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने सोमवार से शुरू होने वाले पांच दिवसीय संसद सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की जोरदार वकालत की। 
संजय सिंह और राघव चड्ढा की बहाली की मांग 
इसके साथ ही सभी विपक्ष की पार्टियों ने संजय सिंह और राघव चड्ढा को बहाल करने की मांग की। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव न करने का भी मुद्दा उठाया। इसके अलावा महिला आरक्षण, जाति जनगणना, अडानी मामला, मणिपुर, मेवात सहित तमाम मुद्दों पर सदन में चर्चा की मांग की गई। संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार शाम सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई नेताओं ने कहा कि लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया जाना चाहिए और उम्मीद है कि इसे सर्वसम्मति से पारित किया जा सकता है।
कैसा है नया संसद भवन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। 28 मई, 2023 को इसका उद्घाटन हुआ। नया संसद भवन 29 महीने में बनकर तैयार हो गया। नए संसद भवन को त्रिकोणीय आकार में तैयार किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा स्पेस को इस्तेमाल में लाया जा सके। ये 64,500 वर्गमीटर में बना हुआ है। इसे बनाने में 862 करोड़ रुपये की लागत आई है।पुराने संसद भवन में लोकसभा में 545 और राज्यसभा में 245 सांसदों के बैठने की जगह है। जबकि, नए भवन में लोकसभा चैम्बर में 888 सांसद बैठ सकते हैं। संयुक्त संसद सत्र की स्थिति में 1,272 सांसद बैठ सकेंगे। जबकि, राज्यसभा चैम्बर में 384 सांसद आसानी से बैठ सकते हैं। नई संसद में लोकसभा चैंबर को राष्ट्रीय पक्षी मोर और राज्यसभा चैंबर को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर तैयार कराया गया है। 
 

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author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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