राजनीति//Delhi/New Delhi :
गुजरात और हिमाचल के अलावा दिल्ली में भी एमसीडी चुनाव हुए हैं।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश दो राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए है। इसके अलावा पूरे देश की निगाहें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर भी टिकी हैं जहां कि नगर निगम के चुनाव हुए। गुजरात में 182 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है तो हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों पर वोटिंग हुई है। इसके अलावा दिल्ली के दिल्ली चुनावों में 250 वार्ड में वोटिंग हुई है।
साउथ गुजरात की 35 में से 29 पर भाजपा की जीत
एग्जिट पोल के मुताबिक साउथ गुजरात की 35 सीटों में से 29 पर भाजपा के जीतने का अनुमान है। इसके अलावा 2 पर कांग्रेस जीत सकती है तो वहीं 3 सीटें आप के और 1 सीट अन्य के खाते में जा सकती हैं।
सेंट्रल गुजरात में भाजपा की बंपर जीत
सेंट्रल गुजरात की 65 सीटों में से भाजपा के खाते में 52 सीटें जाती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस को 5 सीटें मिल सकती हैं, तो 7 पर आम आदमी पार्टी जीत सकती है।
उत्तरी गुजरात में भी भाजपा
उत्तरी गुजरात की 28 सीटों में से 27 पर भाजपा के जीतने का अनुमान है। इसके अलावा 8 सीटों पर कांग्रेस तो आप को 2 सीट मिलने का अनुमान है। साथ ही 1 सीट अन्य के खाते में जा सकती है। सौराष्ट्र और कच्छ की 54 सीटों में से 42 पर भाजपा का जोर है।
हिमाचल में कांग्रेस ने दी कांटे की टक्कर
हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 24-34 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस को 30-40 सीटें मिल सकती हैं। साथ ही, इंडिया टुडे एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी का हिमाचल में खाता तक खुलता नहीं दिख रहा। वहीं अन्य को 4-8 सीटें मिल रही हैं।
एमसीडी में आप की बल्ले-बल्ले
एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 149 से 171 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, भाजपा को 69-91 सीटें मिल सकती हैं। साथ ही, कांग्रेस को सिर्फ 3-7 सीटें मिलती दिख रही है। इसके अलावा अन्य के खाते में 5-9 सीटें जाने का अनुमान है। दिल्ली एमसीडी में कुल 250 सीटों पर मतदान हुआ है।
मैनपुरी उपचुनाव पर सबकी निगाहें
मैनपुरी से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की 10 अक्टूबर को मृत्यु के बाद से इस लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। यह सीट कई सालों से मुलायम कुनबे के पास ही रही है। इस सीट से अब अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनावी मैदान में हैं। उन्हें जिताने के लिए अखिलेश के चाचा शिवपाल भी अब साथ आ गए हैं। वहीं, भाजपा ने भी इस सीट को जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पार्टी ने रघुराज शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा। रघुराज शिवपाल के पुराने शिष्य माने जाते हैं। उनके लिए पार्टी ने कई दिग्गजों को मैदान में उतारा। भाजपा इस सीट को हर हाल में जीतना चाहती है।
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