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केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया 'आर्थिक समीक्षा 2022-23', जीडीपी विकास दर  6 से 6.8 फीसदी रहेगी

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केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया 'आर्थिक समीक्षा 2022-23', जीडीपी विकास दर 6 से 6.8 फीसदी रहेगी

आर्थिक//Delhi/Jaipur :

 केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने  संसद में आर्थिक समीक्षा 2022-23 पेश किया।  जिसका अनुमान है कि 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर है। 

 

आर्थिक समीक्षा 2022-23 :

आर्थिक समीक्षा 2022-23 की मुख्‍य बातें इस प्रकार हैं :-

2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 का अनुमान है कि जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2024 के लिए वास्तविक आधार पर 6.5 प्रतिशत  रहेगी।

अर्थव्यवस्था की विकास दर मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए 7 प्रतिशत (वास्तविक) रहने का अनुमान है, पिछले वित्त वर्ष में विकास दर 8.7 प्रतिशत रही थी।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए ऋण में तेज वृद्धि दर्ज की गई है, जो जनवरी-नवम्बर, 2022 के दौरान औसत आधार पर 30.5 प्रतिशत रही।

केन्द्र सरकार का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स), जो वित्त वर्ष 2023 के आठ महीनों के दौरान 63.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा, यह वर्तमान वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने का प्रमुख कारण रहा है।

आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो इसके लक्ष्य सीमा से अधिक है।

निर्माण गतिविधियों में प्रवासी श्रमिकों के लौटने से, निर्माण सामग्री के जमा होने की प्रक्रिया, जो पिछले साल के 42 महीनों के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 33 महीनों की रही है, में महत्वपूर्ण कमी दर्ज करने में मदद मिली है।

वित्त वर्ष 2022 में निर्यात में तेजी दर्ज की गई, वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में उत्पादन प्रक्रिया में तेज वृद्धि दर्ज की गई है।

वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में निजी खपत जीडीपी के प्रतिशत के रूप में 58.4 प्रतिशत रही, जो 2013-14 के बाद के सभी वर्षों की दूसरी तिमाहियों के मुकाबले सबसे ज्यादा है, जिसे संपर्क आधारित सेवाओं जैसे व्यापार, होटल और परिवहन की मजबूती से समर्थन मिला।

विश्व व्यापार संगठन का अनुमान है कि वैश्विक व्यापार में वृद्धि 2022 के 3.5 प्रतिशत के मुकालबे 2023 में 1.0 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रहेगी; सर्वेक्षण ने इस तथ्य को रेखांकित किया है।

विकास अनुमान का आशावादी पक्ष विभिन्न सकारात्मक तथ्यों पर आधारित है, जैसे निजी खपत में मजबूती जिसमें उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा दिया है; पूंजीगत व्यय की उच्च दर (कैपेक्स); सार्वभौमिक टीकरकरण कवरेज, जिसने संपर्क आधारित सेवाओं – रेस्टोरेंट, होटल, शोपिंगमॉल, सिनेमा आदि - के लिए लोगों को सक्षम किया है; शहरों के निर्माण स्थलों पर प्रवासी श्रमिकों के लौटने से भवन निर्माण सामग्री के जमा होने में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है, कॉरपोरेट जगत के लेखा विवरण पत्रों में मजबूती; पूंजी युक्त सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जो ऋण देने में वृद्धि के लिए तैयार हैं तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उध्यम क्षेत्र के लिए ऋण में बढ़ोतरी।

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में समस्‍त क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय बेहतरी देखने को मिल रही है, वित्त वर्ष 2023 में यह महामारी पूर्व विकास पथ पर अग्रसर हो रही है

खुदरा महंगाई नवम्‍बर 2022 में घटकर आरबीआई के लक्षित दायरे में आ गई है

प्रत्‍यक्ष कर संग्रह अप्रैल-नवम्‍बर 2022 में भी दमदार रहा

घटती शहरी बेरोजगारी दर और कर्मचारी भविष्‍य निधि में तेजी से हो रहे कुल पंजीकरण में बेहतर रोजगार सृजन नजर आ रहा है

सरकार द्वारा लागू किए जा रहे सुधारों का फोकस अवसर, जीवन यापन में दक्षता एवं सुगमता, विश्‍वास आधारित गवर्नेंस बढ़ाने के लिए सार्वजनिक वस्‍तुएं तैयार करने, कृषि उत्‍पादकता बढ़ाने और विकास में एक सह-भागीदार के रूप में निजी क्षेत्र को प्रोत्‍साहित करने पर है

बैलेंस शीट को दुरुस्‍त करने से वित्तीय संस्‍थानों के ऋणों में वृद्धि दर्ज की गई है

ऋणों के उठाव में वृद्धि होने, निजी पूंजीगत खर्च बढ़ने से लाभदायक निवेश चक्र शुरू होगा

अप्रैल 2022 से ही अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का गैर-खाद्य ऋण दहाई अंकों में बढ़ रहा है

एससीबी का सकल गैर-निष्‍पादनकारी परिसंपत्ति (जीएनपीए) अनुपात घटकर पिछले सात वर्षों के न्‍यूनतम स्‍तर 5.0 पर आ गया है

सामाजिक क्षेत्र में व्‍यय (केन्‍द्र एवं राज्‍यों का मि‍लाकर) वित्त वर्ष 2016 के 9.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 (बीई) में 21.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है

स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकारों का अनुमानित व्‍यय बढ़कर वित्त वर्ष 2023 (बीई) में जीडीपी का 2.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022 (आरई) में 2.2 प्रतिशत हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2021 में यह 1.6 प्रतिशत था

कोविड टीके की 220 करोड़ से भी अधिक खुराक लोगों को दी गई हैं

आर्थिक समीक्षा में बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर यूएनडीपी की रिपोर्ट 2022 के निष्‍कर्षों पर प्रकाश डाला गया है जिनमें कहा गया है कि भारत में 41.5 करोड़ लोग वर्ष 2005-06 और वर्ष 2019-20 के बीच गरीबी से उबर गए

भारत ने शून्‍य उत्‍सर्जन का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया, शून्‍य उत्‍सर्जन का लक्ष्‍य वर्ष 2070 तक हासिल कर लेगा

पर्यावरण के लिए जीवन शैली ‘लाइफ’ के रूप में जन आन्‍दोलन शुरू किया गया

राष्‍ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन से भारत वर्ष 2047 तक ऊर्जा के मामले में आत्‍मनिर्भर हो जाएगा

कृषि क्षेत्र में निजी निवेश वर्ष 2020-21 में बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गया

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लगभग 81.4 करोड़ लाभार्थियों को एक साल तक मुफ्त अनाज मिलेगा

पीएम-किसान के अप्रैल-जुलाई 2022-23 भुगतान चक्र में इस योजना के तहत लगभग 11.3 करोड़ किसानों को कवर किया गया

भारत ‘अंतर्राष्‍ट्रीय मिलेट वर्ष’ पहल के जरिए मिलेट्स को बढ़ावा देने में सबसे आगे है

वित्त वर्ष 2022 में पीएलआई योजनाओं के तहत 47,500 करोड़ रुपये का निवेश – यह पूरे वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्‍य का 106 प्रतिशत है

भारत के ई-कॉमर्स बाजार के वर्ष 2025 तक हर साल 18 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान

अप्रैल-दिसम्‍बर 2022 में वस्‍तु निर्यात 332.8 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ

भारत वर्ष 2022 में 100 अरब अमेरिकी डॉलर प्राप्‍त करके विश्‍व भर में प्रेषित रकम का सबसे बड़ा प्राप्‍तकर्ता बन गया है

पीएम गतिशक्ति राष्‍ट्रीय मास्‍टर प्‍लान के तहत समस्‍त मंत्रालयों/विभागों के बीच एकीकृत एवं संयोजित कार्यान्‍वयन के लिए व्‍यापक डेटाबेस बनाया गया 

 

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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