बिजनेस//Maharashtra/Mumbai :
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में अमेरिकी चिप मेकिंग कंपनी एनविडिया के साथ हाथ मिलाया है। अब खबर आ रही है कि टाटा भी इस कंपनी के साथ डील करने जा रही है। इस कंपनी की दुनियाभर में बड़ी डिमांड है। चीनी कंपनियां भी इस कंपनी के पीछे है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और सेमीकंडक्टर की ओर भारत तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। बीते कुछ सालों से भारत में सेमीकंडक्टर की डिमांड से लेकर उसके प्रोडक्शन पर लगातार जोर दिया जा रहा है। देश की बड़ी कंपनियों ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसी का नतीजा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद अब टाटा समूह ने भी इस ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं। हाल ही में रिलायंस ने अमेरिकी चिप कंपनी एनविडिया के साथ पार्टनरशिप की है। वहीं, अब टाटा ने भी अमेरिकी चिप कंपनी एनविडिया के साथ बातचीत चल रही है। रॉयटर्स के मुताबिक टाटा समूह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर एनविडिया से बातचीत कर रहा है। आज उस कंपनी के बारे में जिसके पीछे रिलायंस, टाटा से लेकर दुनिया की तमाम कंपनियां पड़ी हैं।
क्यों इस कंपनी के पीछे पड़े हैं सब
रिलायंस ग्रुप ने अपने जियो प्लेटफॉर्म के लिए एआई क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर लाने के लिए चिप मेकिंग कंपनी एनविडिया के साथ साझेदारी की है। इस कंपनी के चिप की दुनियाभर में डिमांड है। चीन समेत दुनियाभर के देशों में एनविडिया की चिप की मांग बढ़ रही है। इस कंपनी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी दुनिया की बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां भी एनवीडिया से अपने लिए चिप चाहती हैं। इन कंपनियों में सेमीकंडक्टर चिप को लेकर होड़ मची रहती है। अमेरिका के बाहर भी इस कंपनी की भारी डिमांड है। अमेरिका के अलावा सऊदी अरब और यूएई की कंपनियां भी एनवीडिया से चिप खरीदने के लिए बेताब रहती हैं।
चीन भी पीछे पड़ा
सिर्फ अमेरिया या अरब देश ही नहीं चीन जो कि खुद को तकनीक का मास्टर समझता है, वहां की कंपनियां भी अमेरिकी चिप कंपनी से डील के लिए बेताब रहती है। एनविडिया की चिप की चीन की कंपनियों में भारी डिमांड है। चीन की कंपनियां टेंसेट और अलीबाबा भी एआई चिप के लिए एनवीडिया के दरवाजे पर खड़ी हैं। हालांकि अमेरिका और चीन के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बीच अमेरिकी सरकार ने एनवीडिया समेत अमेरिकी कंपनियों को चीन में एआई चिप का निर्यात बंद करने का आदेश दिया।
कौन हैं एनविडिया
एनविडिया अमेरिका बेस्ड दिग्गज चिप कंपनी है। इस कंपनी की शुरुआत साल 1993 में हुई थी। भारत में इस कंपनी ने 2004 से कारोबार करना शुरू किया। यह कंपनी खास तरह की चिप बनाती है। ये चिप ऑटोमेटिव और मोबाइल कंप्यूटिंग मार्केट में इस्तेमाल होती है। चिप के अलावा गेमिंग इंडस्ट्री और प्रोफेशनल मार्केट के लिए यह ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स भी तैयार करती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेक्टर में यह कंपनी तेजी से बढ़ रही है। भारत में कंपनी के चार इंजीनियरिंग डवलपमेंट सेंटर्स हैं, जो गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे और बेंगलूरु में है। भारत में इस कंपनी के 3800 कर्मचारी काम करते हैं।
कौन है कंपनी के फाउंडर
एनवीडिया की नींव जेनसन हुआंग ने की थी। उनका जन्म साल 1963 में ताइवान में हुआ था। ताइवान और थाईलैंड में बचपन बिताने के बाद साल 1973 में वो अमेरिका आ गए। यहीं, उन्होंने साल 1993 अपनी कंपनी एनवीडिया की शुरुआत की। उन्होंने अपने दम पर एनवीडिया को 1.199 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ दुनिया की छठी कंपनी बना दी। हुआंग 43.2 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 27वें नंबर पर हैं। एआई का चलन बढ़ने से फिर कंपनी के शेयरों में तेजी आ रही है।
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