नवरात्रि के पहले दिन की जाएगी मां शैलपुत्री की पूजा
धर्म/कर्मकांड-पूजा/Rajasthan/Jaipur :
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा कैसे करें और क्या है उनकी कथा,मंत्र ,धार्मिक उपाय और महत्व, जानने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें
मां शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन स्नान-ध्यान करने के बाद एक चौकी पर लाल वस्त्र को बिछाकर मां शैलपुत्री का चित्र रखें और उसके बाद गंगा जल से पवित्र करें। इसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा लाल फल, लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल चंदन आदि अर्पित करके करें। मां शैलपुत्री की पूजा में गाय का घी और उससे बना बना भोग विशेष रूप से लगाएं।
मां शैलपुत्री की कथा
नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाने वाली मां शैलपुत्री को हिमालाय की पुत्री माना जाता है। मान्यता है इससे पूर्व उनका जन्म राजा दक्ष की पुत्री सती के रूप में हुआ था। जिनका विवाह भगवान शिव से हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा दक्ष ने महायज्ञ का आयोजन किया और उसमें सभी देवी-देवताओं को बुलाया लेकिन भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया। जब देवी सती को इसके बारे में पता चला तो वो वहां पर बगैर निमंत्रण के ही पहुंच गईं। जहां पर महादेव के प्रति अपमान महसूस होने पर उन्होंने स्वयं को महायज्ञ में जलाकर भस्म कर लिया। जब यह बात भगवान शिव को पता चली तो उन्होंने यज्ञ को ध्वंस करके सती को कंधे पर लेकर तीनों लोकों में विचरण करने लगे। इसके बाद भगवान विष्णु ने भगवान शिव के मोह को दूर करने के लिए सती के शरीर को चक्र से काटकर 51 भागों में विभक्त कर दिया। मान्यता है कि माता सती के टुकड़े जहां-जहां पर गिरे वे सभी शक्तिपीठ कहलाए। इसके बाद देवी सती ने शैलराज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में दोबारा जन्म लिया। जिन्हें माता शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है.
मां शैलपुत्री की पूजा का मंत्र
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा में ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:’ का विशेष रूप से जप करना चाहिए.
मां शैलपुत्री की पूजा का धार्मिक उपाय
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा में लाल रंग के पुष्प, लाल रंग के फल, लाल वस्त्र, लाल चंदन और तांबे का सिक्का अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि माता शैलपुत्री की पूजा में इन चीजों का प्रयोग करने पर देवी शीघ्र ही प्रसन्न होती हैं और मूलाधार चक्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करती हैं। इस तरह मां शैलपुत्री की पूजा से साधक को सुख, संपत्ति, सौभाग्य के साथ आरोग्य की प्राप्ति होती है।
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है)
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