श्रद्धांजलि///Tel Aviv :
7 अक्टूबर को हमास के हमलों में इजरायल में 1200 लोगों की मौत हुई थी। हमास नरसंहार में मारे गए कई लोगों की लाश या उनके अवशेष नहीं मिल पाए हैं। यही कारण है कि इजरायल ने राख और खून के धब्बों वाली सैकड़ों कारों को दफनाने का फैसला किया है।
इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच 46 दिन से जंग चल रही है। शुक्रवार से 4 दिनों का सीजफायर है। 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ कुछ मिनटों में 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे। इसमें 1200 लोगों की मौत हो गई थी। हमास के हमले में जिन लोगों की मौत हुई थी, उनमें से कई लोगों के शव नहीं मिले थे। ऐसे में सांकेतिक रूप से इन लोगों की कारों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
‘यरुशलम पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर को हमास के हमलों में इजरायल में 1200 लोगों की मौत हुई थी। हमास नरसंहार में मारे गए कई लोगों की लाश या उनके अवशेष नहीं मिल पाए हैं। यही कारण है कि इजरायल ने राख और खून के धब्बों वाली सैकड़ों कारों को दफनाने का फैसला किया है। 14 मई 1948 को इजरायल की स्थापना के बाद ऐसा पहली बार है, जब हमास के हमलों में मारे गए लोगों की गाड़ियों को दफनाने की सिफारिश की गई है।
इमरजेंसी रिस्पॉन्स यूनिट ने की सिफारिश
तेल अवीव सेंट्रल इजरायल की इमरजेंसी रिस्पॉन्स यूनिट है। ये हजारों वॉलन्टियर्स के साथ देशभर के 21 से ज्यादा शहरों में अपनी सर्विस देती है। इसको इजरायल की इमरजेंसी सर्विस के सिविल एक्सटेंशन और सेंट्रल इजरायल में अधिकृत एकमात्र इमरजेंसी रिस्पॉन्स यूनिट के तौर पर मान्यता मिली है।
चीफ रैब्बीनेट और धार्मिक सेवा मंत्रालय लेंगे अंतिम फैसला
रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के हमलों में मृतकों की गरिमा को बनाए रखने के लिए उनकी गाड़ियों को दफनाने का फैसला किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘मिलिट्री रैब्बीनेट और चीफ रैब्बीनेट के साथ सलाह-मशवरे के बाद आने वाले कुछ दिनों में पूरे इजरायल में यहूदी कब्रिस्तानों में सैकड़ों गाड़ियों को दफनाया जाएगा।’ चीफ रैब्बीनेट के साथ-साथ धार्मिक सेवा मंत्रालय ने अभी तक इस रिपोर्ट पर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यहूदी कब्रिस्तानों में दफनाने की सिफारिश
इजरायल हसीद कहते हैं, ‘ये गाड़ियां राख और खून के धब्बों से दूषित हो गए हैं, जिससे उन्हें पूरी तरह से साफ करना असंभव हो गया है। ऐसे में रब्बी रोजा ने ऐसे सैकड़ों गाड़ियों को यहूदी कब्रिस्तानों में दफनाने की सिफारिश की है।’
दफनाने की पूरी प्रक्रिया का होगा पालन
हसीद ने बताया कि इसमें दफनाने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। ठीक वैसे ही जैसे किसी की मौत के बाद उसे पूरी प्रक्रिया के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया जाता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले पर आखिरी फैसला चीफ रैब्बीनेट या धार्मिक सेवा मंत्रालय की ओर से लिया जाएगा। आने वाले कुछ दिनों में इस पर कोई सार्वजनिक ऐलान किए जाने की उम्मीद है।
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