राजनीति/कांग्रेस/Rajasthan/Jaipur :
अडाणी हिंडनबर्ग मामले में हमलावर कांग्रेस ने आज फिर मोदी सरकार पर वार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने जयपुर में एक प्रेस वार्ता में इसे लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए।
अडाणी के साम्राज्य को गहरी चोट पहुंचाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर देश में राजनीति गरमा रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने मेें कोई कसर नहीं छोड़ रही। इसी को लेकर षुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मोदी सरकार पर जमकर वार किए।
जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए गौरव वल्लभ ने कहा कि आखिर अडाणी मामले में मोदी सरकार जांच से पीछे क्यों हट रही है? आखिर संयुक्त संसदीय कमेटी बनाकर इस मामले की जांच क्यों नहीं करवाई जा रही? उन्होंने कहा कि जब संसद में इनका बहुमत है तो मोदी जी क्यों घबरा रहे हैं, यह मामला देश की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है, ऐसे में सच्चाई लोगों के सामने आनी ही चाहिए।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट कह रही है टैक्स हेवन देशों से अडाणी ग्रुप को पैसा मिला, शेल कंपनियों के जरिए भारत आने वाले काले धन का असली मालिक कौन है ? कहां तो 15 लाख रुपये सबके खातों में आने की बात थी, जबकि 2021 में सबसे ज्यादा पैसा स्विस बैंकों में जमा हुआ। उन्होंने सेबी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब ये सब लेनदेन हो रहे थे, तब सेबी किसके दबाव में सो रही थी?
गौरव बल्लभ ने कहा कि अडानी समूह बेहद कम समय में भारत के हवाई अड्डों का सबसे बड़ा संचालक बन गया है। वर्ष 2021 में तो इस समूह ने छह में से छहों हवाई अड्डों के संचालन की अनुमति सरकार से प्राप्त कर ली। वर्ष 2021 में इस समूह ने देश के सबसे व्यस्त अंतरराष्ट्रीय हवाई हड्डे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डे के संचालन की अनुमति हासिल कर ली। उन्होंने बताया कि अडानी समूह भारत के 13 बंदरगाहों और टर्मिनलों का संचालन करता है। यह भारत की बंदरगाह क्षमता का 30 फीसदी और कुल कंटेनर आवाजाही का 40 फीसदी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पास सभी साधनों का इस्तेमाल कर अडानी का आधिपत्य स्थापित करने में मदद की।
गौरव बल्लभ ने आरोप लगाया कि गौतम अडानी का प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश यात्राओं पर जाने का तथ्य सार्वजनिक है। वर्ष 2017 में 4-6 जुलाई की इजरायल यात्रा के बाद भारत-इजराइल रक्षा संबंंधों में अडानी को लाभ दिलाने वाली भूमिका सौंप दी गयी। चाहे रक्षा क्षेत्र हो या विद्युत क्षेत्र प्रधानमंत्री मोदी अपने मित्र अडानी की सहायता करते ही रहे हैं।
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