ISRO SSLV-D2/EOS-07 Mission
साइंस//Andhra Pradesh/Hyderabad :
ISRO SSLV-D2/EOS-07 Mission : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑग्रेनाइजेशन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से अपने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV-D2) के दूसरे संस्करण को लॉन्च कर दिया है। आज सुबह 9:18 मिनट पर यह लांचिंग की गयी।
इसरो के मुताबिक उसके नये रॉकेट SSLV-D2 अपनी 15 मिनट की उड़ान में 3 उपग्रहों इसरो के EOS-07, अमेरिका स्थित फर्म Antaris के Janus-1 और चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप SpaceKidz के AzaadiSAT-2 को 450 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया है। इसरो के अनुसार, एसएसएलवी ‘लॉन्च-ऑन-डिमांड’ के आधार पर पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों के प्रक्षेपण को पूरा करता है। रॉकेट SSLV-D2 बहुत कम लागत में अंतरिक्ष तक पहुंच प्रदान करता है, कम टर्न-अराउंड समय और कई उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापितक करने में सक्षम है।
इसको का यह रॉकेट SSLV एक 34 मीटर लंबा, 2 मीटर व्यास वाला लॉन्च व्हीकल है, जिसका उत्थापन भार 120 टन है। रॉकेट को 3 सॉलिड प्रोपेल्शन स्टेज और 1 वेलोसिटी टर्मिनल मॉड्यूल के साथ तैयार किया गया है। एसएसएलवी की पहली परीक्षण उड़ान पिछले साल 9 अगस्त को आंशिक रूप से विफल रही थी, जब प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरण ने वेलोसिटी में कमी के कारण उपग्रह को अत्यधिक अण्डाकार अस्थिर कक्षा में पहुंचा दिया था। इसरो का कहना था कि इस परीक्षण की विफलता की जांच से यह भी पता चला था कि रॉकेट के दूसरे चरण के अलगाव के दौरान इक्विपमेंट बे डेक पर एक छोटी अवधि के लिए कंपन भी हुआ था। वाइब्रेशन ने रॉकेट के इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) को प्रभावित किया। फॉल्ट डिटेक्शन एंड आइसोलेशन (FDI) सॉफ्टवेयर का सेंसर भी प्रभावित हुआ था।
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