स्वास्थ्य //Rajasthan/Jaipur :
कोरोना के बाद अब एच3एन2 डराने लगा है। इस वायरस ने अब राजस्थान में भी एंट्री ले ली है। अस्पतालों में जिस तुलना में इस वायरस के लक्षणों के मरीज पहुंच रहे हैं, उसके मुकाबले जांच नहीं हो रही है।
हरियाणा और कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में भी तेजी से एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मामलों में इजाफा हो रहा है। अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज खांसी-बुखार की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने अब तक एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के 54 पॉजिटिव केस आने के बात कही है। हालांकि रोजाना कम ही लोगों की सेम्पलिंग की जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार विशेष एहतियात बरत कर इस फ्लू से बचा जा सकता है।
प्रदेशभर के अस्पतालों में इस फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। हालांकि इस अनुपात में अस्पतालों में इस वायरस की सेम्पलिंग नहीं की जा रही है। प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में भी रोजाना बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। एसएमएस अस्पताल में रोजाना सिर्फ 15 से 20 मरीजों की ही सेम्पलिंग की जा रही है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अनुसार फरवरी से लेकर अब तक एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के 54 मामले सामने आ चुके हैं। चिकित्सकों के अनुसार ओपीडी में आने वाला हर तीसरा-चैथा मरीज इस वायरस या फिर इससे मिलते-जुलते लक्षणों के साथ पहुंच रहा है।
फ्लू श्रेणी का है वायरस
एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार मरीज नाक बंद, जुखाम, गले में दर्द और बुखार के शिकायत को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मरीजों में तेज बुखार के बाद लंबे समय तक खांसी चलने की शिकायत होती है। उन्होंने बताया कि अभी ज्यादातर माइल्ड केस आ रहे हैं। डॉक्टर्स के अनुसार यह वायरस फ्लू श्रेणी का है। मौसम में बदलाव के साथ इसके मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
कुछ मामलों में निमोनिया की स्थिति
इसमें बुखार सामान्यतः 3 से 4 दिन रहता है लेकिन कुछ केस में 6 से 7 दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा है। इस वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है और ये लंबे समय तक रहती है। कुछ मामलों में निमोनिया होने की भी कंडीशन बन रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के अस्पतालों में जिस तुलना में इस वायरस के सिम्पटम्स के मरीज पहुंच रहे हैं उस तुलना में जांच नहीं हो रही है।
एहतियात ही है वायरस से बचाव
एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार एहतियात बरतकर इस वायरस के बचा जा सकता है। इस वायरस से बचने के लिए सर्दी-खांसी के मरीजों से दूरी बनानी चाहिए। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखनी चाहिए। भीड़ में मास्क का उपयोग करना चाहिए। इस वायरस के कारण मरीजों की मौत की खबर आने के बाद चिंताएं बढ गई है।
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