राजनीति/कांग्रेस/Himachal Pradesh/Shimla :
हिमाचल प्रदेश इलेक्शन रिजल्ट 2022 : गुजरात और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में हार के बीच हिमाचल प्रदेश में जीत कांग्रेस के लिए एक उम्मीद के रूप में आई है। लेकिन, इससे भी ज्यादा प्रियंका के रूप में पार्टी को एक ऐसा गांधी मिल गया है, जिस पर वह भरोसा कर सकती है।
हिमाचल प्रदेश इलेक्शन रिजल्ट 2022 :
सोनिया गांधी के चुनाव प्रचार से बाहर रहने और राहुल के पार्टी से दूर रहकर सिर्फ भारत जोड़ो यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने के बाद हिमाचल प्रदेश में मिली जीत का सेहरा प्रियंका गांधी वाड्रा के सिर बंधा है। प्रियंका को इस जीत ने जहां पाॅलिटिक बूस्ट दिया है, वहीं कांग्रेस को भी प्रियंका गांधी वाड्रा में उम्मीद जगी है।
प्रियंका ने हिमाचल प्रदेश में 20 से अधिक रैलियां कीं, जिनमें डोर-टू-डोर अभियान भी शामिल है। महिला मतदाताओं के एक महत्वपूर्ण वर्ग होने के कारण, प्रियंका की उपस्थिति उनके साथ क्लिक की गई।
स्थानीय घर का फैक्टर
प्रियंका को राज्य में बाहरी व्यक्ति के रूप में नहीं देखा जाता है। हर कोई जानता है कि वह मशोबरा में अपनी झोपड़ी को गर्व से दिखाती है और अक्सर राज्य का दौरा करती है। यह भी एक और वजह है कि प्रियंका भीड़ से जुड़ पाईं। लेकिन, यह एकमात्र कारण नहीं है कि पार्टी हिमाचल की जीत का श्रेय प्रियंका गांधी वाड्रा को देना चाहती है।
आपसी कलह का निकाला तोड़
कई अन्य राज्यों की तरह, हिमाचल में भी कांग्रेस के पास बहुत अधिक पावर सेंटर की समस्या थी। मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सुक्खू और प्रतिभा सिंह शीर्ष पद के दावेदार थे। अंदरूनी कलह एक ऐसा मुद्दा था, जो कांग्रेस को उस राज्य में गिरा सकता था, जहां उसे जीत की उम्मीद थी और प्रियंका ने इसे भांप लिया था।
सचिन पायलट रहे टीम का हिस्सा
प्रियंका गांधी, राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सचिन पायलट की एक टीम ने राज्य के लिए चुनाव रणनीति तैयार की। इस दौरान, प्रियंका प्रचार के डिजाइन और प्लानिंग और टिकट वितरण में शामिल थीं और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से राज्य के कई नेताओं से मुलाकात की।
इन मुद्दों पर किया टारगेट
नेताओं से मिले इनपुट के आधार पर प्रियंका ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली, अग्निपथ योजना के खिलाफ नाराजगी, महंगाई, सेब उत्पादकों का गुस्सा और नौकरी चाहने वाली महिलाएं ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर कांग्रेस को ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
पीएम पर नहीं सीएम पर हमला
महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रियंका ने अपनी पार्टी के सहयोगियों को स्पष्ट कर दिया कि पीएम पर कोई व्यक्तिगत हमला या टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उनसे कहा कि मुख्यमंत्री के कुशासन पर ध्यान केंद्रित करें।
यूपी का नुकसान भुला, नई जिम्मेदारी की तैयारी
अब प्रियंका के लिए सुगबुगाहट शुरू हो गई है और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजीव शुक्ला जैसे कई नेताओं ने जीत का श्रेय उन्हें दिया है। साथ ही, यह मांग की जा रही है कि आगामी चुनावों में प्रियंका को रणनीति तय करने से लेकर चुनाव प्रचार तक अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उत्तरप्रदेश में उनके नेतृत्व में मिली हार को भुला दिया गया है, वे पार्टी की नई आशा हैं।
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