Hindenburg Report on Adani
बिजनेस//Maharashtra/Mumbai :
Hindenburg Report on Adani : अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों क संदर्भ में 413 पेजों का जवाब दिया है और आरोपों को भारत पर हमला करार दिया है। अडानी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि 24 जनवरी को 'मैडऑफ्स ऑफ मैनहट्टन' हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को देखने के बाद अडानी ग्रुप में हैरानी और परेशानी दोनों हैं। ग्रुप ने कहा कि यह रिपोर्ट झूठ के पुलिंदा से ज्यादा कुछ नहीं है बल्कि हिंडनबर्ग के दस्तावेज चुने हुए मिस-इन्फॉर्मेशन का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है
अडानी समूह की ओर से कहा गया है कि इस रिपोर्ट में इसमें निश्चित तौर पर एक विशेष उद्देश्य के लिए अडानी ग्रुप की बदनाम के लिए निराधार आरोप लगाये गए हैं।
शॉर्ट सेलिंग से मोटा लाभ कमाने के लिए
अडानी समूह ने अपने जवाब में प्रत्यारोप लगाया है कि बड़ी संख्या में निवेशकों को नुकसान पहुंचाते हुए शॉर्ट सेलिंग के माध्य़म से बड़ा लाभ कमाने के लिए हिंडनबर्ग सिक्युरिटीज एक झूठा बाजार बनाने की कोशिश कर रहा है। ग्रुप की ओर से कहा गया है, 'यह बहुत चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या एथिक्स के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था के बयानों ने हमारे निवेशकों पर गंभीर रूप से बुरा प्रभाव डाला है। इस रिपोर्ट की दुर्भावनापूर्ण मंशा इसको जारी किये जाने के समय से भी स्पष्ट होती है। यह रिपोर्ट उस समय जारी की गयी है जबकि अडानी एंटरप्राइजेज इक्विटी शेयरों का देश का सबसे बड़ा एफपीओ ला रहा था।'
अडानी ग्रुप नहीं बल्कि भारत पर हमला है यह
Hindenburg Report on Adani :
अडानी ग्रुप का कहना है, 'हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट केवल किसी खास कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं बल्कि भारत और भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, गुणवत्ता के साथ ही भारत के विकास की कहानी के साथ देश की महत्वकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला है।' ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट तीन प्रमुख बातों पर केंद्रित है। पहली बात है झूठी कहानी गढ़ने के लिए पहले से ही पब्लिक डोमेन में मौजूद मामलों की सलेक्टिव और मैनिपुलेटिव प्रेजेंटेशन। दूसरी लीगल और अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स और इंडस्ट्री प्रैक्टिस की पूर्ण अज्ञानता या जानबूझकर अवहेलना करना। और तीसरी, नियामकों और न्यायपालिका सहित भारतीय संस्थानों की पूर्ण रूप से अवमानना।
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