बिजनेस///Islamabad :
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान की विदेशी लोन की आवश्यकता को संशोधित कर 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया है। आईएमएफ ने इसमें 3.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सरकार के आर्थिक पूर्वानुमानों को खारिज करते हुए पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर केवल दो प्रतिशत कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। एजेंसी ने पाकिस्तान की विदेशी लोन की जरूरत को घटाकर 25 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया है। मीडिया रिपोट्र्स के हवाले से बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान की विदेशी लोन की आवश्यकता को संशोधित कर 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया है। आईएमएफ ने इसमें 3.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती की है।
सरकार के आर्थिक पूर्वानुमानों को किया खारिज
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सरकार के आर्थिक पूर्वानुमानों को खारिज करते हुए पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर केवल दो प्रतिशत कर दिया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की एक रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी दी गई है।
मुद्रास्फीति अनुमान को 22.8 प्रतिशत किया
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, आईएमएफ ने भी इस वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान के अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 25.9 प्रतिशत से घटाकर 22.8 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने चालू खाता घाटा (सीएडी), आयात, आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति और सकल वित्तीय आवश्यकताओं के लिए वित्त मंत्रालय के अनुमानों को स्वीकार नहीं किया है।
चार महीनों में छह अरब अमेरिकी डॉलर की उधारी
हालांकि, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, आईएमएफ ने इस वर्ष जुलाई के अनुमानों की तुलना में पहली समीक्षा वार्ता के दौरान इन सभी नंबरों को समायोजित किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल जुलाई की तुलना में आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए विदेशी ऋण आवश्यकताओं को 28.4 अरब अमेरिकी डॉलर से घटाकर 25 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया है। सरकार पहले ही चार महीनों में छह अरब अमेरिकी डॉलर उधार ले चुकी है।
वित्त मंत्रालय ने नहीं दी प्रतिक्रिया
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता कमर अब्बासी ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि शेष जरूरतें लगभग 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर की हैं और 12.5 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज की कमी को पूरा करने का प्रयास किया गया है।
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