India-Germany Relations
कूटनीति//Delhi/New Delhi :
India-Germany Relations : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने शनिवार को स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार, रक्षा और नई टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपसी रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने शनिवार को स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार, रक्षा और नई टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान संवाद और कूटनीति से निकालने की जरूरत बताते हुए कहा कि भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है।
इस बैठक में भारत और जर्मनी के बीच, रूस-यूक्रेन संघर्ष, डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और आपूर्ति श्रृंखला के विविधिकरण, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान हुआ। शोल्ज के साथ इस बैठक के बाद संयुक्त प्रेस बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़े हैं। विकासशील देशों पर इसका विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव रहा है। हमने इस बारे में अपनी साझा चिंता व्यक्त की।’
जी-20 के दौरान किसी ठोस पहल की उम्मीद
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि इन समस्याओं का समाधान संयुक्त प्रयासों से ही संभव है और जी-20 की अध्यक्षता करने के दौरान भी भारत इस दिशा में प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन में घटनाक्रम शुरू होने के समय से ही भारत ने संवाद और कूटनीति के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है।’
यूक्रेन में तबाह हो चुका है बुनियादी ढांचा
वहीं, जर्मनी के चांसलर शोल्ज ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एशिया, अफ्रीका, अमेरिका के देशों पर आक्रामक युद्ध का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन में युद्ध के कारण भारी नुकसान हुआ, बुनियादी ढांचे और ऊर्जा ग्रिड नष्ट हो गए। यह एक आपदा है। रूसी आक्रमण के परिणामों से दुनिया प्रभावित हो रही है।’ शोल्ज ने कहा कि युद्ध मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, जिससे हम सभी सहमत हैं, आप हिंसा के माध्यम से (देशों की) सीमाओं को नहीं बदल सकते।
भारत की पहली यात्रा पर पहुंचे जर्मन चांसलर शोल्ज
बता दें कि जर्मनी के चांसलर दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचे। इस शीर्ष पद पर एंजेला मर्केल के 16 साल के ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद दिसंबर, 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शोल्ज की यह पहली भारत यात्रा है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी साथ
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। उन्होंने कहा, ‘दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने इस बात पर भी सहमति दोहराई कि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार आवश्यक है।’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के लिए जी-4 के अंतर्गत हमारी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है। गौरतलब है कि जी-4 समूह का आशय भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील से है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार की जरूरत पर जोर देते रहे हैं।
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