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भारत को जरूर मिलेगी सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता.ः विदेश मंत्री

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भारत को जरूर मिलेगी सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता.ः विदेश मंत्री

राजनीति//Gujarat/Ahemdabad :

गुजरात के दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत के स्थायी सदस्यता हासिल करने को लेकर अहम टिप्पणी की। राजकोट में जयशंकर ने कहा भारत का यह सदस्यता मिलेगी। इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल भारत के अनकूल है।

गुजरात के दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर बड़ा बयान दिया है। राजकोट में भारत भाग्य विधाता नाम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने बताया कि इसके लिए भारत को क्या करना पड़ेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने गुजरात दौरे के पहले पड़ाव में सूरत पहुंचे थे। इसके बाद अहमदाबाद और राजकोट में उनके कार्यक्रम थे। राजकोट के कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत को यूएनएसीसी की स्थायी सदस्यता मिलेगी। यह जरूरी है इसके लिए अधिक प्रयास करने के जरूरत है। विदेश मंत्री ने जयशंकर ने राजकोट में बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए कहा कि यूएनएसपी में स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए मेहनत की दरकार है। इसके लिए मेहनत जरूरी है।
...और मेहनत की दरकार
विदेश मंत्री ने कहा कि अभी रूस, चीन, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं। जयशंकर ने कहा कि इंटरनेशनल माहौल अब स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी के पक्ष में है। जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का गठन लगभग 80 साल पहले हुआ था और इन पांच देशों ने आपस में इसकी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का फैसला किया था। जयशंकर ने कहा कि अब दुनिया भर में यह भावना है कि इसे बदलना चाहिए और भारत को स्थायी सीट मिलनी चाहिए। मैं देख रहा हूं कि यह भावना हर साल बढ़ती जा रही है। हमें मेहनत करनी पड़ेगी और इस बार तो और भी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
तब सिर्फ 50 ही देश थे
जयशंकर ने यह भी कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का गठन हुआ था। तब दुनिया में 50 स्वतंत्र देश थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 193 पहुंच गई है। जसशंकर ने कहा कि यूएनएससी में अभी पांच देशों ने अपना नियंत्रण बनाए रखा है। इनमें से कुछ बदलाव के लिए सहमत हैं जबकि अन्य पीछे से समर्थन करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र के समक्ष एक प्रस्ताव रखा है। विदेश मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि इससे मामला थोड़ा आगे बढ़ेगा। जयशंकर ने बुद्धजीवियों को संबोधित करते हुए कहा हमें दबाव बनाना पड़ेगा और जब यह दबाव बढ़ता है। विदेश मंत्री ने कहा यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में गतिरोध था और गाजा के संबंध में यूएन में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। जयशंकर ने कहा कि जब ऐसा होगा कि संयुक्त राष्ट्र कमजोर हो गया है तो भारत की स्थायी सीट की संभावना बढ़ेगी।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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