एजुकेशन, जॉब्स और करियर///Washington :
चैट जीपीटी की पैरेंट कंपनी ओपनएआई ने अपने बयान में कहा, हम चीफ टेक्नॉलॉजी ऑफिसर मीरा मूर्ति को अंतरिम सीईओ नियुक्त कर रहे हैं। इसके साथ ही हम इस पद को संभालने के लिए स्थाई सीईओ की तलाश भी कर रहे हैं।
चैटजीपीटी के सीईओ सैम ऑल्टमैन को हटाए जाने के बाद मीरा मूर्ति को कंपनी का जिम्मा सौंपा गया है. वह अब बतौर अंतरिम सीईओ के तौर पर कंपनी संभालेंगी। मीरा ने 2018 में टेस्ला कंपनी छोड़ने के बाद ओपनएआई (चैटजीपीटी की पेरेंट कंपनी) को ज्वाइन किया था।
ओपन एआई ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा, ‘कंपनी ने अपने को-फाउंडर सैम ऑल्टमैन को बर्खास्त कर दिया है। कंपनी की बोर्ड ने पाया कि सैम बोर्ड के साथ संचार साधने में लगातार कोताही बरत रहे थे।’ कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘हम चीफ टेक्नॉलॉजी ऑफिसर मीरा मूर्ति को अंतरिम सीईओ नियुक्त कर रहे हैं. इसके साथ ही इस पद को संभालने के लिए स्थाई सीईओ की तलाश भी कर रहे हैं।’
नियुक्ति की वजह?
मीरा की नियुक्ति किस आधार पर हुई है इसके जवाब में ओपनएआई ने अपने बयान में कहा, ‘मीरा के लंबे कार्यकाल और एआई गवर्नेंस और नीति में उनके अनुभव के साथ-साथ कंपनी के सभी पहलुओं के साथ जुड़ाव को देखते हुए बोर्ड का मानना है कि वह इस भूमिका के लिए योग्य हैं।’
कौन हैं मीरा मूर्ति?
मीरा का जन्म 1988 में अल्बानिया में हुआ था। कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि उनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई कनाडा से पूरी की है। वह एक मैकेनिकल इंजिनियर हैं। उन्होंने टेस्ला में काम करते हुए मॉडल एक्स टेस्ला कार को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साल 2018 में उन्होंने चैटजीपीटी की पेरेंट कंपनी ओपन एआई में काम करना शुरू किया। मीरा को पिछले साल ओपनएआई का सीटीओ बनाया गया।
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को लेकर क्या सोचती हैं मीरा?
टाइम मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में मीरा ने बताया था कि एआई के गलत इस्तेमाल हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘मैं मानती हूं कि एआई के गलत इस्तेमाल किया जा सकता है और जाहिर है ऐसे गलत नीयत वाले लोग ही करेंगे। हम एक छोटा ग्रुप है। एआई को नियामक दायरे में लाने के लिए सरकार के साथ-साथ सबको साथ आना होगा।’
क्या है चैटजीपीटी?
चैटजीपीटी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के सहारे काम करने वाला एक चैटबोट है, जो सवालों को जवाब कई भाषाओं में दे सकता है। माना जाता है कि ये बॉट 100 भाषाओं में काम कर सकता है। इसकी पेरेंट कंपनी ओपनएआई को साल 2015 में एलन मस्क और सैम ऑल्टमैन ने विकसित किया था। कंपनी ने जानकारी दी है कि चैटजीपीटी के पास 2021 तक का ही डेटा उपलब्ध है और वह इस आधार पर ही जानकारी दे सकता है।
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