राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राजनीति/कांग्रेस/Rajasthan/Jaipur :
राजस्थान में गहलोत सरकार ने बड़ा चुनावी दांव चलते हुए फैसला लिया है कि दो से ज्यादा संतान के बावजूद सरकारी कर्मचारियों का तीन साल बाद प्रमोशन नहीं रोका जाएगा। साथ ही, सालाना सैलरी बढ़ोतरी भी नहीं रोकी जाएगी।
राजस्थान में चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार ने एक बड़ा दांव खेला है। इस फैसले को जनसंख्या से जोड़कर देखा जा रहा है। इस फैसले से उन सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा, जिनको दो से अधिक बच्चे है। दरअसल, राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। अब तीसरा बच्चा होने के बाद भी कर्मचारी को पदोन्नति मिल सकेगी। गुरूवार को कार्मिक विभाग ने ये आदेश जारी कर दिए हैं।
पहले ओपीएस और अब बच्चों के मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस आदेश के अनुसार 1 जून, 2002 के बाद दो से ज्यादा बच्चे होने पर भी कर्मचारी-अधिकारी को पदोन्नति मिल सकेगी। ऐसे में प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। इससे पहले सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति पर तीन साल तक रोक लगा रखी थी। इन्हें प्रमोशन और वेतन बढ़ोतरी का फायदा तीन साल की देरी से मिल पाता था। राज्य में जब भाजपा की सरकार थी और वसुंधरा राजे पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी, तब साल 2004 में ये नियम लागू किया गया था। उस समय सरकार ने किसी भी राज्य कर्मचारी या अधिकारी के 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा होने पर प्रमोशन को रोकने का फैसला किया था।
कर्मचारियों ने उठाई थी मांग
सरकारी कर्मचारी इसकी बहुत दिनों से मांग करते आ रहे थे। सरकार ने प्रमोशन समेत अन्य दूसरे लाभ पांच साल तक रोकने का फैसला किया था। दरअसल, इस फैसले के आने से किसी कर्मचारी को प्रमोशन 1 जनवरी, 2005 में मिलना होता था तो उसे 1 जनवरी, 2010 में दिया जाता था। इस दौरान उनकी सलेक्शन ग्रेड को भी रोक दिया जाता था। इससे कर्मचारियों को बहुत नुकसान होता था। अब इसमें बड़ा बदलाव किया गया है। वहीं, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गहलोत सरकार ने चुनावी साल में सरकारी कर्मचारियों को रिझाने की तैयारी की है।
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