सदन में फोटो दिखाकर पीएम मोदी पर आरोप लगाते कांग्रेस नेता राहुल गांधी
राजनीति//Delhi/New Delhi :
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार,लोकसभा सचिवालय के विशेषाधिकार एवं आचरण शाखा के उपसचिव ने राहुल गांधी को ईमेल भेजा है। इस मेल में उनसे 7 फरवरी को दिये गये भाषण के संदर्भ में 15 फरवरी तक सफाई पेश करने को कहा है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ ब्रीच ऑफ प्रिविलेज यानी विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
लोकसभा सचिवालय ने इसी मामले में राहुल गांधी को बुधवार, 15 फरवरी तक जवाब देने को कहा है। नोटिस में 7 फरवरी को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक बयान देने के कारण कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जवाब मांगा गया है। नोटिस में कांग्रेस नेता पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बिना किसी दस्तावेजी सबूत के आरोप लगाने और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।
प्रधानमंत्री के खिलाफ गलत, अवमानना, असंसदीय और भ्रामक तथ्य रखने का आरोप
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री के अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी के साथ संबंध हैं। इसी के खिलाफ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल को विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा था।
राहुल ने नियम 353 और 369 को तोड़ा
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी पर लोकसभा के कामकाज के नियम 353 और 369 के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
1- नियम 353 के तहत जो सदन में मौजूद नहीं हो, उसके खिलाफ आरोप नहीं लगाए जा सकते क्योंकि वह अपना बचाव नहीं कर सकता है। नियम 353 ही कहता है कि किसी सदस्य को किसी अन्य सदस्य के खिलाफ आरोप मढ़ने से पहले लोकसभा सचिवालय को बताना होता है और लोकसभा अध्यक्ष से अनुमति लेनी होती है। 2- नियम 369 के तहत कोई सदस्य सदन में कोई कागज दिखाए तो उसे उसकी सत्यता का प्रमाण पेश करना होता है। संसदीय कार्य मंत्री का कहना है कि राहुल गांधी ने इन दोनों ही नियमों की अवहेलना की है।
जवाब आने पर आगे की कार्यवाही लोकसभा अध्यक्ष पर निर्भर
नियम के मुताबिक,अब राहुल गांधी नोटिस का जवाब देंगे। उस पर लोकसभा अध्यक्ष विचार करेंगे। अगर उन्हें लगेगा कि राहुल गांधी के जवाब पर विशेषाधिकार समिति को विचार करना चाहिए तो वह समिति के पास नोटिस का जवाब भेज सकते हैं। अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को राहुल गांधी के जवाब को समिति के पास भेजने की जरूरत नहीं महसूस होगी तब वह इस पर लोकसभा में ही चर्चा करवाएंगे। लोकसभा की वेबसाइट पर दिए गए गए रूल बुक के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष पर निर्भर है कि वह मामले को सदन में ही उठाने का निर्णय करें या फिर उसे विशेषाधिकार समिति के पास भेजें। हालांकि, जहां सभा देखती है कि मामला बहुत ही मामूली है या अपराधी ने पर्याप्त क्षमा याचना कर ली है, उस मामले में आगे की कोई कार्यवाही न करने का निर्णय करके सभा स्वयं उस मामले को निपटा देती है।'
राहुल ने लोकसभा में पीएम मोदी पर लगाया था आरोप
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेने के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री पर यह आरोप लगाया था। कांग्रेस सांसद ने 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सत्ता में आने के बाद व्यवसायी की संपत्ति में अचानक वृद्धि की ओर इशारा करते हुए अडानी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के संबंधों पर सवाल उठाया था। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया था।
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