क्राइम //West Bengal/Kolkata :
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मोमिनपुर में हुई हिंसा के लिए ममता बनर्जी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मोमिनपुर में हुई हिंसा के लिए ममता बनर्जी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस महानिदेशक एक्शन लें तो हर हाल में हिंसा रुकनी चाहिए।
कोर्ट ने बंगाल के पुलिस महानिदेशक और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को जांच के लिए एक विशेष जांच दल बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, हाईकोर्ट ने हिंसा को लेकर डीजीपी को कड़ा कदम उठाने के निर्देश दिए हैं ताकि आगे कोई हिंसा न हो। उधर, कोर्ट के इस कदम से ममता बनर्जी सरकार के बेहतर पुलिसिंग के दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं।
दरअसल मोमिनपुर हिंसा की एनआईए जांच की मांग करने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जयमाला बागची की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति वहां (मोमिनपुर) शांतिपूर्ण हैं ऐसे में केंद्रीय बलों की तैनाती की जरूरत नहीं है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवाई को डीजीपी और पुलिस कमिश्नर को सबूतों और वीडियो फुटेज जुटाने के लिए एसआईटी बनाने और घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने राज्य सरकार को सुनवाई की अगली तारीख पर एसआईटी के गठन और जांच पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। इस मामले में दो हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी।
क्यों नहीं लगाई गई एनआईए एक्ट के तहत धारा
मोमिनपुर में हुई हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस से सवाल किए कि जब बम मिले तो एनआईए एक्ट की धारा क्यों नहीं लगाई गई। कोर्ट ने इस बारे पर पुलिस से जवाब तलब किया है। दरअसल मोमिनपुर में हिंसा को लेकर वकील सुस्मिता साहा दत्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
क्या हुआ था उस दिन
दरअसल लक्ष्मी पूजा के दिन कोलकाता के खिदिरपुर और मोमिनपुर इलाके में दो समुदायों में हिंसा की घटना घटी थी। स्थानीय लोगों का आरोप था कि उपद्रवियों ने घर तोड़ डाले। कई दुकानें जला दी। इसके साथ ही मिलाद-उल-नबी का भी त्योहार था। तथाकथित रूप से वहीं पर एक झंडा लगाने को लेकर दो पक्षों में हिंसा हुई।
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