क्राइम //Maharashtra/Mumbai :
मनोज ने दावा किया है कि उसने सरस्वती की हत्या नहीं की, बल्कि उसने आत्महत्या की।
ठाणे पुलिस ने बुधवार रात एक फ्लैट से 56 के साल मनोज साने को अपनी लिव-इन पार्टनर सरस्वती वैद्य (36) की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित के फ्लैट से कटे और उबले हुए बॉडी पार्ट्स बरामद हुए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपित सरस्वती की हत्या करने के बाद उसकी बॉडी ठिकाने लगाने की कोशिश में था। कोर्ट ने मनोज को 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पूछताछ के दौरान मनोज साने ने पुलिस को बताया कि 2008 में उसकी तबीयत खराब हुई थी। उसे तब पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। उसका दावा है कि काफी पहले हुई दुर्घटना के बाद वह अस्पताल में था। इसी दौरान उसे या तो एचआईवी संक्रमित सुई लगी या ब्लड चढ़ाया गया। मनोज ने दावा किया है कि उसने सरस्वती की हत्या नहीं की, बल्कि उसने आत्महत्या की।
सरस्वती की तीन बहनें सामने आई
सरस्वती वैद्य अनाथ थी। अब उसकी तीन बहनें सामने आई हैं। पुलिस ने बताया कि मृतका सरस्वती वैद्य अहमद नगर के जानकीबाई आपटे बालिका आश्रम से पढ़ी है। उसने वहां से दसवीं की पढ़ाई की थी। आश्रम की कर्मचारी अनु साळवे ने बताया कि सरस्वती उस आदमी (मनोज साने) को मामा पुकारती थी। उसने आश्रम में बताया था कि मामा बहुत पैसे वाला है और उसकी कपड़े की मिल है।
अनाथ थी सरस्वती
सरस्वती वैद्य की हत्या के बाद अब उसकी तीन बहनें थाने पहुंची हैं। उन्होंने इस दौरान मीडिया से बात नहीं की और मुंह छिपाए नजर आईं। उन्होंने पुलिस को क्या बताया। यह सामने नहीं आया है। एक बहन के साथ एक शख्स भी आया था। वह कौन था, यह नहीं पता। फिलहाल पुलिस इस केस की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रही है।
सफेद कार से जाते थे अनाथाश्रम
मनोज साने और सरस्वती वैद्य अनाथाश्रम जाया करते थे। वह उसे मामा कहती थी। वे सफेद कार में आश्रम जाते थे। सरस्वती अपने साथ दूसरे बच्चों के लिए खाना और कपड़े भी लाती थी। पहले वो बहुत खुश रहती थी लेकिन दो साल पहले आई थी तब दुखी थी और ठीक से बात नहीं कर रही थी। वह दुखी क्यों रहती थी, उसने यह बात किसी को नहीं बताई। सरस्वती जब 18 साल की हुई थी तब आश्रम से अपनी बहन के यहां चली गई थी ।
राशन की दुकान पर काम क्यों?
मनोज राशन की दुकान पर काम करता था। यहीं पर उसकी मुलाकात अनाथ सरस्वती से हुई थी। हालांकि पुलिस को मामला पेचीदा लग रहा है। मनोज के पास से उन्हें इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का सर्टिफिकेट मिला है। सवाल उठ रहा है कि जब साने इतना पढ़ा-लिखा था तो वह राशन की दुकान पर काम क्यों कर रहा था?
मनोज साने था अमीर?
मनोज साने मामले में कई सवाल उठ रहे हैं। उनमें से एक है कि मनोज साने राशन की दुकान पर महज 5 हजार रुपये में काम करता था। ऐसे में उसने मीरा रोड पर एक फ्लैट किराए पर ले रखा था। उसका अपना खुद का एक फ्लैट है, जो किराए पर है और उससे उसे 30 हजार रुपये किराया मिलता है। मनोज साने के पास कार है। वह अनाथाश्रम में सरस्वती के साथ जाता था तो खाने, कपड़े और दूसरे सामान लेकर जाता था। सरस्वती भी कहती थी कि मनोज साने उसका मामा है और बहुत अमीर है। फिर वह राशन की दुकान पर इतने कम रुपये में नौकरी क्यों करता था?
सरस्वती की कैसे की निर्मम हत्या
सरस्वती वैद्य राशन की दुकान पर काम करने वाले मनोज के साथ तीन साल से लिव-इन रिलेशनशिप में थीं। डीसीपी जयंत बजबले के अनुसार, महिला की हत्या 3 जून की रात में ही कर दी गई थी। आरोपी ने कटर मशीन से लाश के टुकड़े करके सबूत मिटाने की कोशिश की। तीन दिन तक शव फ्लैट में होने से इतनी दुर्गंध फैल गई कि लोगों ने पुलिस बुला ली। पड़ोसियों का कहना है कि मनोज पिछले कुछ दिनों से इलाके के कुत्तों को रोज कुछ खिला रहा था, जबकि पहले कभी उसे ऐसा करते नहीं देखा गया। इस केस में सामने आया है कि मनोज टुकड़ों को कुकर में उबालकर कुत्तों को खिला देता था। मिक्सी में पीसकर पेस्ट फ्लश करने की भी चर्चा है।
Comments