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नीतीश को जोर का झटका: पीएम मोदी घेरने चले थे, अपना ही कुनबा बिखरने लगा

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नीतीश को जोर का झटका: पीएम मोदी घेरने चले थे, अपना ही कुनबा बिखरने लगा

राजनीति//Bihar/Patna :

पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चेबंदी में जुटे बिहार के सीएम नीतीश कुमार को उनके करीबी रहे जीतन राम मांझी ने बड़ा झटका दे दिया है। मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर राज्य के मुखिया की विपक्षी एकता की कोशिश को हिला दिया है।

बिहार में पीएम नरेंद्र मोदी विरोधी मोर्चा की बड़ी बैठक की तैयारी में जुटे राज्य के सीएम नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। हिंदुस्तान अवामी मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। इस घटना के बाद विपक्षी एकता की मुहिम में जुटे राज्य के सीएम के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। मुश्किल ये है कि विपक्ष का तिनका-तिनका जोड़ने निकले नीतीश के खुद के घर की ईंट निकल गई है।
मांझी ने नीतीश को दिया जोर का झटका
नीतीश के कभी सबसे करीबी रहे जीतन राम मांझी ने ऐसा झटका दिया है, जिसने उनको हिलाकर रख दिया है। हालांकि, इसकी पटकथा तो काफी पहले ही लिखी जा चुकी थी बस मांझी ने उसे बिहार के राजनीतिक सीन पर उसे 13 जून को उतारा। बिहार में सियासी हलचल शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को भी जेडीयू पर निशाना साधने का मौका मिल गया। पार्टी ने 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक पर तंज कसा है। भगवा दल के नेताओं ने कहा कि जिसका खुद का घर ही नहीं संभल रहा है, वो मोदी को हटाने निकले हैं।
कुशवाहा छोड़ चुके हैं नीतीश का हाथ
दरअसल, नीतीश कुमार ने विपक्ष की बैठक के लिए एचएएम को बुलावा नहीं भेजा था। तभी से माना जा रहा था कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। लेकिन राजनीति परसेप्शन का खेल होता है। विपक्षी दलों की बैठक के ऐन पहले मांझी का नीतीश को झटका देना बड़े फलक पर देखा जा रहा है। भले ही मांझी के पास ज्यादा जनाधार नहीं हो लेकिन किसी साथी का मिशन 2024 से पहले कैबिनेट छोड़ना तकरार की पुष्टि तो करता ही है। कुछ ऐसा ही उपेंद्र कुशवाहा के ने भी किया था और नीतीश का हाथ झटककर खुद अपनी पार्टी बना ली। 
नीतीश पर तंज कसा 
उधर, कुशवाहा की पार्टी ने मौजूदा घटनाक्रम पर नीतीश पर तंज कसा है। प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार जी विपक्षी एकता बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन घर नहीं संभाल पा रहे हैं। ये सिर्फ अपनी कुर्सी के लिए लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। जेडीयू का ये कहना कि ऐसे लोग आते जाते रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। इस तरह का बयान जेडीयू की फ्यूडल मानसिकता और दलित समाज के प्रति नफरत को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि निश्चित तौर पर जीतन राम मांझी ने समाज के हित में बड़ा कदम उठाया है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
मोदी के खिलाफ नीतीश की लड़ाई अटकी?
मांझी के इस फैसले के बाद सबसे ज्यादा सांसत में नीतीश कुमार फंसते दिख रहे हैं। मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता की धुरी बने नीतीश की जंग शुरू होते ही झटके खा गई है। दरअसल, इस बात की आशंका पहले से ही जाहिर की जा रही थी। मांझी ने 5 लोकसभा सीटों की मांग की थी। महागठबंधन में शामिल दल अलग-अलग मुद्दों पर नीतीश सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर थे। उधर, नीतीश पीएम मोदी को सत्ता से हटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच मांझी के मिले झटके ने नीतीश का समीकरण ही गड़बड़ा दिया है। विपक्षी बैठक में शामिल होने से पहले ही ना-नुकुर कर रही कांग्रेस के भी कान खड़े हो गए होंगे।
बीजेपी लेने लगी चुटकी
मौजूदा घटनाक्रम के बाद बीजेपी ने नीतीश कुमार पर चुटकी ली है। बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि महागठबंधन की सरकार दलितों के साथ अन्याय कर रही थी और मांझी के फैसले को उसी नजरिये से देखना चाहिए। इस सरकार में दलितों को उनका हक नहीं मिल रहा है। दरअसल, बीजेपी नीतीश की विपक्षी एकता मिशन पर शुरू से निशाना साधती रही है। इस राज्य में आज की हुई घटना के बाद नीतीश बैकफुट पर दिख रहे हैं। संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद महागठबंधन के नेताओं की आनन-फानन में बैठक हुई है। पर देखना होगा कि नीतीश कुमार कैसे इस झटके से उबरते हैं।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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