फोटो सोशल मीडिया से साभार
क्राइम //Odisha/Bhubaneswar :
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास अब इस दुनिया में नहीं रहे। रविवार, 29 जनवरी को उन्हीं की सुरक्षा में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) गोपाल कृष्ण दास ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। ओडिशा के ब्रजराज नगर में हुई इस घटना के तुरंत बाद नब किशोर दास को झारसगुडा के जिला अस्पताल और वहां से एयरलिफ्ट करके भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल में लाया गया। वहां भरपूर कोशिशों के बावजूद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी।
हालांकि हत्यारे एएसआई गोपालकृष्ण दास ने घटना स्थल से भागने की कोशिश की लेकिन उसे स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया। ओडिशा सरकार ने मामले की जांच सीआईडी (क्राइम ब्रांच) को सौंपी है और सात सदस्यों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम इस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल गोपाल कृष्ण ने हत्या के कारण के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।
गोपाल कृष्ण दास के बारे में पता चला है कि तेजी से बार-बार मूड बदलने वाली बीमारी बाई पोलर का मरीज था। वह मूल रूप से गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव का रहने वाला है। उसने बरहमपुर में बतौर कॉन्स्टेबल पुलिस करियर की शुरुआत की और 12 वर्ष पूर्व 54 वर्षीय गोपाल दास को असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर की रैंक पर प्रमोट कर झारसुगुड़ा भेजा गया था। उसकी वर्तमान पोस्टिंग बजरंगनगर में गांधी चौक आउटपोस्ट के इंचार्ज के रूप में थी। वह मानसिक बीमारी के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर का भी मरीज है।
बरहमपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि गोपाल दास बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित है। त्रिपाठी के मुताबिक, 8-10 साल पहले गोपाल दास उनके क्लिनिक में आया था। बकौल डॉक्टर, दास बहुत जल्दी गुस्सा हो जाता था। इसी बात के लिए उसका इलाज चल रहा था। लेकिन, वह लंबे से उनके पास नहीं आया था। इसलिए कहा नहीं जा सकता है कि वह इस बीमारी के लिए दवाएं ले रहा था या नहीं। अगर दवाएं ना ली जाएं तो बीमारी फिर से उभर आती है। गोपाल कृष्ण दास की पत्नी का भी यही कहना है कि गोपाल कृष्ण घर से करीब 400 किलोमीटर की दूरी पर रहता था और नियमित दवाएं ले रहा था या नहीं, इस बात की जानकारी उन्हें बिल्कुल भी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मृतक मंत्री नब किशोर दास झारसुगुड़ा के ताकतवर नेता और ओडिशा के सबसे धनी विधायक थे। उनका माइनिंग और ट्रांसपोर्ट का कारोबार था। उन्होंने 34 करोड़ रु. की संपत्ति का खुलासा किया था, जिसमें 25 करोड़ रुपये के 80 वाहन हैं। वर्ष 2019 के चुनाव से पहले वे कांग्रेस छोड़ बीजू जनता दल में शामिल हो गये थे।
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