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कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला और उबर का मर्जर हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि दोनों कंपनियों के बीच इस बारे में बातचीत चल रही है। ओला के को-फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल हाल में अमेरिका में उबर के टॉप अधिकारियों से मिलकर आए हैं। दोनों कंपनियों के बीच चार साल पहले भी इस तरह की बात हुई थी।
मर्जर के पीछे जापान
जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक का इन दोनों कंपनियों में निवेश है। उसने दोनों कंपनियों को मर्जर के लिए कहा था। लगता है कि अब एक बार फिर दोनों कंपनियां मर्जर की संभावनाएं तलाश रही हैं। इसकी वजह यह है कि भारतीय बाजार में वे अपेक्षा के मुताबिक ग्रोथ नहीं कर पा रही हैं।
भारतीय बाजार में दबदबा कायम करने के लिए दोनों कंपनियों के बीच तगड़ी होड़ है। वे ड्राइवरों को इनसेंटिव और पैसेंजरों को डिस्काउंट देने में अरबों डॉलर झोंक चुकी हैं। लेकिन, हाल के वर्षों में उनके बीच होड़ में कमी आई है। इसकी वजह यह है कि महामारी के कारण देश में एप बेस्ड कैब हेलिंग की मांग में कमी आई है।
इस बीच भाविश अग्रवाल ने उबर के साथ मर्जर की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम मुनाफा कमाने वाली कंपनी हैं और हमारी ग्रोथ अच्छी चल रही है। अगर कोई और कंपनी भारत में अपने बिजनस को बंद करना चाहती है तो उसका स्वागत है। हम कभी भी मर्ज करने वाले नहीं हैं। हालांकि उन्होंने अमेरिका में उबर के अधिकारियों से मिलने के बारे में कुछ नहीं कहा।
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