राजनीति///Islamabad :
शाहबाज शरीफ ने पहली बार माना है कि बतौर प्रधानमंत्री हर विदेशी दौरे पर जाकर मदद के लिए हाथ फैलाना उनके लिए शर्मिंदगी की बात है। हैरानी की बात यह है कि शरीफ ने यह बात फौज के एक प्रोग्राम में कही, जो पाकिस्तान के कुल बजट की सबसे बड़ी हिस्सेदार होती है।
शरीफ के मुताबिक- पाकिस्तान एक एटमी ताकत रखने वाला इस्लामी मुल्क है और अगर ऐसे में हमें हर बार और हर जगह जाकर भीख मांगना पड़े तो इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता।
फौज के प्रोग्राम में वजीर-ए-आजम
शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तानी फौज के पासिंग आउट प्रोग्राम में हिस्सा लिया। यहां आर्मी और आईएसआई चीफ के साथ प्रेसिडेंट आरिफ अल्वी भी मौजूद थे। आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के सामने शाहबाज शरीफ का यह बयान अहम माना जा रहा है।
शरीफ ने कहा, मेरे लिए यह बहुत शर्मिंदगी की बात है कि हर बार मुझे कर्ज मांगना पड़ता है। यह इसलिए और ज्यादा खराब लगता है कि पाकिस्तान एक एटमी ताकत वाला मुल्क है। मैं कहना ये चाहता हूं कि आखिर कब तक हम बतौर मुल्क कर्ज के भरोसे रहेंगे। ये तो देश चलाने का सही तरीका नहीं है और न ही इस तरह से हम मुल्क को सही डायरेक्शन में ले जा सकते। हमें ये भी सोचना चाहिए कि आज नहीं कल, ये कर्ज इस मुल्क को वापस भी तो करने हैं।
सऊदी अरब और यूएई का जिक्र
शाहबाज पिछले हफ्ते ही तीन देशों की विदेश यात्रा से लौटे हैं। सबसे पहले वो जिनेवा गए थे। यहां क्लाइमेट समिट में हिस्सा लिया और पाकिस्तान के लिए 16 अरब डॉलर की मदद मांगी ताकि बाढ़ से तबाह मुल्क की कुछ मदद हो जाए। बहरहाल, यहां से उन्हें 10 अरब डॉलर मिलने का भरोसा दिलाया गया है। इसमें से एक भी पैसा अब तक पाकिस्तान के सरकारी खजाने में नहीं पहुंचा।
इसके बाद शरीफ सऊदी अरब पहुंचे। यहां आर्मी चीफ आसिम मुनीर पहले ही मौजूद थे। सऊदी अरब ने दोनों को एक तरह से टाल दिया। दरअसल, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 5 अरब डॉलर देने का भरोसा दिलाया। बात में पता लगा कि सऊदी सिर्फ 3 अरब डॉलर डिपॉजिट के तौर पर देगा। बाकी दो अरब डॉलर पाकिस्तान के पास उसके पहले से हैं।
मांगी खैरात और मिला कर्ज
पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार ‘द डॉन’ ने एडिटोरियल और एक स्पेशल रिपोर्ट में खुलासा किया कि जिनेवा में पाकिस्तान को जो 10 अरब डॉलर देने का भरोसा दिलाया गया है, वो दान या खैरात नहीं, बल्कि कर्ज है। इतना ही नहीं यह कर्ज भी तीन साल में किश्तों के तौर पर मिलेगा।
इस खुलासे के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, वित्त मंत्री इशहाक डार और कई कैबिनेट मिनिस्टर मीडिया के सामने आए। यहां डार ने कहा- 10 में से 8.7 अरब डॉलर हकीकत में कर्ज है। हमने जिनेवा में बिना शर्त मदद की अपील की थी।
इससे भी ज्यादा हैरानी की बात डार ने आगे कही। फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा- मैं आपको यह नहीं बता सकता कि यह कर्ज हमें किन शर्तों पर मिलेगा। वहीं, शरीफ ने कहा- उम्मीद है कर्ज की शर्तें ज्यादा सख्त नहीं होंगी। ये पैसा हमें कब तक मिलेगा, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
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