धर्म//Rajasthan/Jaipur :
चैत्र मास की पहली एकादशी बेहद खास और भाग्यशाली है। हिंदू धर्म के अनुसार यह एकादशी हरि विष्णु को समर्पित है। चैत्र मास की पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से जाने अनजाने में हुए पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पापमोचन एकादशी को पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। आइए जानते हैं शुभ योग, व्रत का समय, तिथि, शुभ मुहूर्त ,पूजा विधि और मन्त्रों के बारे में :
हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च, 2023 दिन शनिवार को रखा जाएगा। इस बार पापमोचिनी एकादशी तिथि 17 मार्च को रात 2 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 18 मार्च को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च को रखा जाएगा.।
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एकादशी तिथि प्रारम्भ - मार्च 17, 2023 को दोपहर 02:06 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त - मार्च 18, 2023 को सुबह 11:13 बजे तक
19 मार्च को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - सुबह 06:27 से सुबह 08:07
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - सुबह 08:07
पापमोचनी एकादशी 2023:
पद्म पुराण के अनुसार पद्मपुराण कहता है कि एकादशी को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है
इस तरह रखे पापमोचनी एकादशी का व्रत :
इस एकादशी पर निर्जलित या निष्फल व्रत रखें।
सुबह उठकर शुभ अवसर पर हल्दी, चंदन और तुलसी अर्पित करें।
इसके बाद ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करें।
पापमोचनी एकादशी मंत्र (पापमोचनी एकादशी मंत्र)
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धिमाही। तन्नो विष्णु प्राचोद्यात..
ॐ विष्णवे नम:
ॐ हूँ विश्नावे नम:
(उपरोक्त जानकारी सामान्य संदर्भों से ली गई है। 'न्यूज़ठिकाना ' इस बारे में सुनिश्चित नहीं करता है।)
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