पतंजलि फूड्स लिमिटेड के प्रमोटर बाबा रामदेव
बिजनेस//Maharashtra/ :
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बीएसई (BSE) ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड (Patanjali Food Lmtd.) के प्रमोटर समूहों द्वारा आयोजित इक्विटी शेयरों पर रोक लगा दी है। पतंजलि फ़ूड लिमिटेड ने निर्धारित समय सीमा के भीतर सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग आवश्यकताओं को पूरा नहीं करने पर ये कदम उठाया गया है।
पतंजलि कंपनी की और से बताया गया कि उसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( एनएसई) से 14 मार्च को 21 प्रवर्तक संस्थाओं के 80.82 फीसदी फ्रीजिंग शेयरों के बारे में ईमेल प्राप्त हुए थे। 39.4% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े प्रमोटर शेयरधारक पतंजलि आयुर्वेद और आचार्य बालकृष्ण उन प्रमोटरों में शामिल हैं जिनकी होल्डिंग फ्रीज कर दी गई है। ये फ्रीजिंग सेबी के नियमन के अनुसार न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकताओं के अनुपालन तक लागू होगी।
इन संस्थाओं की होल्डिंग हुई फ्रीज
पतंजलि के जिन 21 संस्थाओं पर एक्सचेंज ने प्रतिबंध लगाया है, उनमें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पतंजलि परिवहन प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि रिन्यूएबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और पतंजलि एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
क्या है मामला
बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद ने 2019 में रुचि सोया को एक समाधान प्रक्रिया के तहत 4,350 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। समाधान प्रक्रिया लागू होने के बाद कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग घटकर 1.10 फीसदी रह गई। बाद में कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स कर दिया गया। मार्च 2022 में, पतंजलि फूड्स ने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर लॉन्च किया और 66.2 मिलियन शेयर जारी किए। शेयर बिक्री के बाद, सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़कर 19.18 फीसदी हो गई।
क्यों किये गए शेयर फ्रीज़, क्या हैं नियम
सेबी के नियमों के मुताबिक, पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25 फीसदी हिस्सेदारी होनी चाहिए यानि अगर किसी लिस्टेड कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25 फीसदी से कम हो जाती है तो कंपनी को इस तरह की गिरावट की तारीख से अधिकतम तीन साल की अवधि के भीतर पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 25 फीसदी तक लाना होगा। इसके अलावा, पब्लिक शेयरहोल्डिंग 10 प्रतिशत से कम हो जाती है, तो अधिकतम 18 महीने की अवधि के भीतर कम से कम 10 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। परन्तु 31 दिसंबर, 2022 तक, पतंजलि फूड्स में सार्वजनिक शेयरधारकों की 19.18% हिस्सेदारी थी।
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