क्राइम //Bihar/Patna :
वैसे तो कब कहां चोर मिल जाए कहना मुश्किल है, मगर स्कॉर्पियो से आकर बकरी को चुराना थोड़ा अजीब लगता है। बिहार के दरभंगा में हाईटेक चोरों की करतूत ब्ब्ज्ट में कैद हो गई है। स्कॉर्पियो से आधी रात को आते हैं और घर-आंगन से बकरियों को उठाकर स्कॉर्पियो से फरार हो जाते हैं। इन चोरों की कारस्तानी का खुलासा तब हुआ, जब लोगों ने मंदिर में लगे सीसीटीवी को चेक किया।
गांव-घर में बच्चे चोरी की घटना सुनी होगी लेकिन बिहार के दरभंगा जिले के हायाघाट में इन दिनों स्कॉर्पियो से बकरी चोर घूम रहे हैं। ये चोर स्कोर्पियो पर सवार होकर रात के अंधेरे में आते हैं लेकिन ये कोई सामान की चोरी नहीं करते है बल्कि इनकी नजर बकरियों पर होती है। ये चोर इन दिनों आधीरात को स्कॉर्पियो से आते हैं और इस इलाके में लोगों के घर-आंगन में बंधी बकरियों को अपने स्कॉर्पियो में लादकर भाग जाते हैं। इनकी ये करतूत गांव के मंदिर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई।
ढाई मिनट में बकरी गायब
दरभंगा के हायाघाट थाना इलाके के बांसडीह और घोसरामा गांव की घटना है। आठ जनवरी की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे के करीब एक स्कार्पियो गाड़ी पर सवार कुछ चोर रात के अंधरे में पहुंचे। फिर दो लोग गाड़ी से उतर टॉर्च की रोशनी से इधर-उधर कुछ देखते हैं। इसके बाद एक गली में जाते हैं। तभी गाड़ी से दो चोर और उतारते हैं। कुछ देर बाद चोर अपने गोद में एक के बाद एक दो बकरियों को उठाकर तेजी से स्कार्पियो में बैठ जाते हैं। इसके बाद आनन-फानन में गाड़ी लेकर भाग जाते हैं। महज दो से ढाई मिनट में चोर पूरी घटना को अंजाम देकर अगले मिशन पर निकल जाते हैं।
एक रात में 16 बकरियां गायब
इन चोरों की पूरी करतूत मंदिर में लगे सीसीटीवी के एक कैमरे में कैद हो गई है। सुबह जब लोगों की नींद खुली तो कई लोगों के घर-आंगन से बकरियां गायब थीं। एक ही रात में तकरीबन सोलह बकरियां अगल-बगल के गांवों से गायब हो गई। लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। फिर इनको चोरी का शक होने पर मंदिर में लगे सीसीटीवी को चेक किया।
थाने से नहीं हो रही कार्रवाई
स्कॉर्पियो वाले बकरी चोरों की जानकारी सीसीटीवी से मिली। घटना की सूचना लोगों ने तुरंत हायाघाट थाने को दी। मगर, इसका कोई फायदा नहीं मिला। ऐसे में गरीब-मजदूर वर्ग के लोगों के पालतू जानवर की चोरी होने से उनके लिए ये किसी सदमे से कम नहीं है। हो सकता है कि पुलिस के लिए ये मामूली घटना हो, मगर इन गरीबों की पूंजी यही है।
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