राजनीति/कांग्रेस/Rajasthan/Jaipur :
राजस्थान की राजनीति में फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कोरोना की संज्ञा दिए जाने के बाद अब पूर्व सीएम सचिन पायलट हमलावर हो गए हैं और उन्होंने मोर्चा खोलते हुए बिना नाम लिए सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उधर, भाजपा की ओर से सांसद और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने युवाओं के बहाने सीएम को घेरना शुरू कर दिया है।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शुक्रवार को महाराजा कॉलेज के छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन करते हुए युवाओं को संबोधित किया और बिना नाम लिए सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना भी साधा। पायलट ने कहा कि उन्होंने पिछले पांच दिन जो भी भाषण दिए हैं, वे मुद्दों पर दिए हैं। किसी की भी व्यक्तिगत आलोचना इस दौरान नहीं की। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत कुछ कहा गया है। लेकिन, मैंने कभी किसी को ऐसी बात नहीं बोली, जो मैं खुद के लिए दूसरे से नहीं सुन सकूं।
पायलट ने युवाओं को कहा कि आप केवल वो ही बात बोले, जो आप खुद के लिए सुन सकते हैं। सचिन पायलट ने कहा कि यदि आप दूसरों को इज्जत देंगे तो ही आपको इज्जत मिलेगी। पायलट ने कहा कि जब चुनाव आते हैं और प्रचार करने जाता हूं तो वहां बीजेपी खड़ी रहती है। उस दौरान विरोधियों का धुंआ निकाल देता हूं। लेकिन, हमेशा उन्हें मान सम्मान देता हूं।
2013 में थे केवल 21 विधायक
पायलट ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वे प्रदेशाध्यक्ष बने तो उस समय उनकी पार्टी के केवल 21 विधायक थे। उन्होंने हमेशा पार्टी को मजबूत करने का काम किया और पांच साल तक बहुत संघर्ष किया। साथ ही कहा कि पांच साल में उनकी मेहनत और संघर्ष में कोई कमी नहीं थी। पायलट बोले कि आने वाला समय नौजवानों का होगा।
छात्रों से पूछा, ‘मेरे लिए क्या कहा गया’
इधर, गहलोेत और पायलट के बीच चल रहे बयानों का असर इस कार्यक्रम में देखने को मिला। पायलट ने छात्रों से पूछा कि उनके लिए क्या-क्या शब्द बोले गए। इस पर छात्रों की ओर से वे शब्द कहे गए, जो सीएम गहलोत ने पायलट के लिए कहे थे।राजस्थान सरकार ने युवाओं का किया सर्वाधिक नुकसान:गजेंद्र शेखावत
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के युवाओं को सबसे ज्यादा नुकसान इस कांग्रेस की सरकार ने किया है। राजनीतिक नुकसान अपनी जगह है, लेकिन राजस्थान के भविष्य को नुकसान हुआ है। राजस्थान के गरीबों का नुकसान हुआ है और जो राजस्थान प्रगति के पथ पर चल रहा था। वह आज पिछड़कर अंतिम पायदान के राज्यों में पहुंच चुका है। इस नुकसान की भरपाई करने में लंबा समय लगेगा।
युवाओं की 10 लाख सरकारी नौकरियों से जुड़े कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा कि हमारे टाइम में इस तरह से पेपर लीक नहीं होते थे। भाजपा कार्यकर्ता लगातार मांग कर रहे हैं कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए, लेकिन 18 बार पेपर लीक होने के बाद ही लीपापोती की ही कोशिश हो रही है। सीएम कहते है कि पेपर लीक में एक भी अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल नहीं था तो फिर जादू से तिजोरी से बाहर निकलकर पेपर कैसे पहुंच गए।
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