बिजनेस//Delhi/New Delhi :
वित्त वर्ष 2022-2023 में, भारत का चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का आयात 30.3 अरब डॉलर से घटकर 27.6 अरब डॉलर रह गया, इसके पीछे उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मुख्य कारण माना जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की ओर तेजी से कदम बढ़ाती मोदी सरकार के प्रयास रंग लाते नजर आ रहे हैं। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मिली रिकाॅर्डतोड़ कामयाबी ने दुनिया को चकाचैंध कर दिया है। वित्त वर्ष 2022-2023 के दौरान कई विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के आयात में महत्वपूर्ण कमी आई है। उदाहरण के लिए, सौर सेल, भागों और संबंधित घटकों के आयात में 70.9 प्रतिशत की पर्याप्त गिरावट देखी गई। इसी तरह लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर के आयात में 23.1 प्रतिशत और मोबाइल फोन आयात में 4.1 प्रतिशत की कमी आई है।
क्या है पीएलआई योजना
आयात में यह गिरावट पीएलआई योजना की प्रभावशीलता दिखाती है, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता को कम करना है। यह योजना निर्माताओं को प्रोत्साहन प्रदान करती है, उन्हें भारत के भीतर उत्पादन सुविधाओं को स्थापित करने और विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करती है। नतीजतन, देश के अपने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है, जिससे चीन से आयात पर निर्भरता कम हो गई है। यह प्रवृत्ति महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने और घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के भारत के व्यापक उद्देश्य को मजबूत करती है।
चार योजनाएं बनीं गेम चेंजर
इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) के लिए भारत को एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने और इलेक्ट्रॉनिक्स पर राष्ट्रीय नीति (एनपीई) 2019 में उल्लिखित लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए, चार योजनाएं पेश की गईं। इन योजनाओं को अप्रैल 2020 और मार्च 2021 में अधिसूचित किया गया था, और उनका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग के विकास को बढ़ावा देना है।
किस योजना का कितना प्रभाव
पहली योजना उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) है, जो घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निर्माताओं को प्रोत्साहन प्रदान करती है। दूसरी योजना इलेक्ट्रॉनिक घटकों और सेमीकंडक्टरों (एसपीईसीएस) के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना है, जो भारत के भीतर इलेक्ट्रॉनिक घटकों और अर्धचालकों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। तीसरी योजना, जिसे संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर योजना (ईएमसी 2.0) कहा जाता है, का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर विकसित करना है जो विनिर्माण गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, आईटी हार्डवेयर के लिए एक चैथी योजना, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) मार्च 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारत में लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर जैसे आईटी हार्डवेयर उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहित करना है।
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