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कवि और समाजसेवी राजीव रंजन कनाडा में अलबर्टा न्यूकमर रिकग्निशन अवार्ड से सम्मानित

सम्मान/पुरस्कार

कवि और समाजसेवी राजीव रंजन कनाडा में अलबर्टा न्यूकमर रिकग्निशन अवार्ड से सम्मानित

सम्मान/पुरस्कार//Rajasthan/Jaipur :

भारतीय मूल के उत्कृष्ट समाजसेवी राजीव रंजन को हाल ही में कनाडा के कैलगरी में अल्बर्टा न्यूकमर रिकग्निशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान अल्बर्टा की लेफ्टिनेंट गवर्नर सलमा लखानी और इमिग्रेशन एंड मल्टीकल्चरिज्म विभाग का जिम्मा संभालने वाले मंत्री मोहम्मद यासीन ने प्रदान किया।

 

कवि राजीव रंजन उत्तर प्रदेश के जिला मैनपुरी के रहने वाले हैं और 50 से अधिक वर्षों से कनाडा में ही हैं। वे अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं और एमंडटन में निवास करते हैं। राजीव रंजन अल्बर्टा हिंदी एसोसिएशन और हिंदी स्कूल के संस्थापक हैं। वे और उनकी पत्नी चारु रंजन 40 वर्षों से एडमंटन की विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के साथ सक्रियता से जुड़कर निस्वार्थ भाव से समाज के लिए अपना योगदान देते रहे हैं। उन्हें समाज में युवा वर्ग के लिए एक प्रेरक के तौर पर पहचाना जाता है। वे युवाओं के लिए करियर काउंसलर के तौर पर अपनी सेवाएं देते रहे हैं। राजीव रंजन कनाडा में वे अनेक यूथ करियर फेयर और वर्कशॉप आयोजित कर चुके हैं। न्यूजठिकाना परिवार उन्हें इस सम्मान के लिए बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।

राजीव रंजन ने 40 से अधिक वर्षों तक ग्रेटर एडमंटन की कई स्वयंसेवी समितियों और संगठनों में कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। इनमें वे अल्बर्टा हिंदी एसोसिएशन (परिषद)  के अलग-अलग कार्यकाल के लिए  तीन बार अध्यक्ष पर पर रहे। इसी तरह वे द हिंदू सोसाइटी ऑफ अल्बर्टा  के अध्यक्ष, शांतिनिकेतन सोसाइटी फॉर सीनियर्स एंड सेमी रिटायर  के दो बार अध्यक्ष  रहे।  वे मानव सेवा एसोसिएशन में 15 वर्षों के लिए वॉकथॉन के आयोजन सचिव/समन्वयक के तौर पर शामिल रहे हैं। इसी तरह सास्कृतिक कार्यक्रमों में वे बहुत सक्रिय रहते हैं। वे एडमंटन रागमाला म्यूज़िक सोसाइटी के आयोजन सचिव पद को सुशोभित कर चुके हैं और पिछले 15 वर्षों से सर्वस क्रेडिट यूनियन के 'ईस्ट इंडियन कम्युनिटी काउंसिल' के बोर्ड सदस्य रहे हैं।

राजीव रंजन को वर्ष 2022 में उनकी सामुदायिक सेवाओं के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय प्लेटिनम जुबली मेडल (अल्बर्टा) से सम्मानित किया गया !  वे न केवल अल्बर्टा हिंदी एसोसिएशन (परिषद) और हिंदी स्कूल के संस्थापकों में से एक हैं बल्कि उन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय मूल के वयस्कों और बच्चों के अलावा विभिन्न पृष्ठभूमि के कई अन्य कनाडाई लोगों को हिंदी भाषा सिखाई, जो विभिन्न कारणों से भारत की यात्रा करना चाहते थे ! सकारात्मक दृष्टिकोण वाले राजीव एक सच्चे सच्चे स्वयंसेवक हैं, जो समाज की भलाई के लिए अथक प्रयास करते रहते हैं। वे जिस शहर या  प्रांत में रहते हैं, वहां विभिन्न संस्थाओं के पदों पर निस्वार्थ भाव से अपना काम करते हैं।  

राजीव रंजन पत्नी चारु रंजन के साथ

हम इस समाचार में जानकारी दे चुके हैं कि राजीव रंजन कवि और लेखक हैं। उनका एक कविता संग्रह ‘सुनो हे बंधु वतन की बात’ प्रकाशित हो चुका है। आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं उन्हीं के स्वरों मे उनकी कविता ‘ आज सब गाओ स्वागत गीत..भरत के राम आए हैं।’

  भरत के राम

आज सब  गाओ स्वागत गीत

भरत के राम आये हैं

मिटाकर अंधकार जग से

उजाला लेकर आये हैं !

सजाओ अपने-अपने घर

बजाओ ढोल और वीणा

करो  सब हर्षपूर्ण वन्दन

आज रघुनन्दन आये हैं !

उतारें माता शुभ आरती

अशीष की वर्षा बरसाती

पुरजन गावें मंगलाचार

सिया संग राम आये हैं !

दिखाओ हृदयों के उदगार

मनोरम होवे जय जयकार

करो न्यौछावर अपनी प्रीत

अयोध्या के लाल आये हैं !!!

साथ में लखन से भ्राता

और हैं हनुमत से वीरा

करने नये युग का निर्माण

भरत के रघुवर राम आये हैं !

 

 

 

 

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