राजनीति//Rajasthan/Jaipur :
नये जिला बनाने की मांग तेजी से आगे बढ़ रही है। उम्मीद है कि 26 जनवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नये जिले बनाने की घोषणा को अमलीजामा पहना सकते हैं या फिर अगले बजट में एलान हो सकता है। तीन संभाग और एक दर्जन नयो जिले बनाने की मांग गंभीरता से चर्चाओं में है। रामलुभाया कमेटी के पास 60 जगहों से जिले बनाने की मांग को लेकर प्रस्ताव आए हैं। कमेटी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाली है।
पिछले 14 वर्षों से राजस्थान नये जिलों की बाट जोह रहा है जबकि राजस्थान क्षेत्रफल में देश का सबसे बड़ा राज्य है। बाड़मेर जैसे जिलों की सीमा तो कई राज्यों से कहीं अधिक है। इतना ही नहीं, पिछले कुछ सालों में जनसंख्या भी बढ़ी है। सीएम अशोक गहलोत ने रामलुभाया कमेटी का इसे लेकर निर्माण भी किया जिसकी रिपोर्ट जल्द सामने आने वाली है। राजस्थान बड़ा राज्य है लेकिन जिले बढ़ेंगे तो यहां के नागरिकों के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्रीय विकास होगा।
मौजूदा बजट में नए जिलों और संभागों का एलान हो सकता है। छह जगह तो ऐसी है, जिन्हें लेकर बालोतरा, ब्यावर, कोटपुतली, डीडवाना और नीम का थाना नाम गंभीर है। जिले बनाने की सियासत इतनी तेज है कि कोटपूतली विधायक और राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने तो मंत्री पद छोड़ने तक का मन बना लिया था लेकिन सीएम गहलोत से मिलने के बाद विचार त्यागा। उधर, पचपदरा से कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने बालोतरा को जिला बनाने की मांग को लेकर नंगे पैर रहने का प्रण ले रखा है।
पदयात्राओं और रैलियों ने माहौल को गरमा रखा है, सांभर से जयपुर तक पदयात्राओं का दौर चला और जिला बनाने की मांग की, बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. नीम का थाना के विधायक सुरेश मोदी ने तो अपने निर्वाचन क्षेत्र से लेकर जयपुर तक पदयात्रा निकाल दी। हजारों लोग जयपुर में जुटे. ब्यावर के नेता और लोग भी पीछे नहीं रहे पदयात्रा लेकर जयपुर कूच कर दिया। सीएम अशोक गहलोत के पास तकरीबन 60 से 65 जगहों को जिला बनाने की मांग को लेकर डेलिगेशन मिल चुके है। चर्चा ये भी है कि सीकर, बाड़मेर और बांसवाड़ा को संभाग का दर्जा दिया जा सकता है। अभी जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर और भरतपुर को ये दर्जा हासिल है। भौगोलिक, जनसंख्या और प्रशासनिक कारणों से संभाग बढ़ाए जा सकते हैं।
इन जगहों से आए प्रपोजल ...
कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना या कुचामन, ब्यावर, भिवाड़ी के नाम सबसे आगे हैं। सांभरलेक, शाहपुरा, कोटपूतली, दूदू, विराटनगर, नीम का थाना, फतेहपुर, शेखावाटी, श्रीमाधोपुर, खंडेला, उदयपुरवाटी, बहरोड़, खैरथल, भिवानी, नीमराणा, बाड़मेर का बालोतरा और गुडामालानी, पोकरण, ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज किशनगढ़, फलोदी, डीडवाना, कुचामन सिटी, मकराना, मेड़ता सिटी, सुजानगढ़, रतनगढ़, सुजानगढ़, जसवंतगढ़ , लाडनूं , अनूपगढ़, सूरतगढ़, घड़साना, श्रीविजयनगर, नोहर, भादरा, नोखा, रामगंज मंडी, छबड़ा, भवानीमंडी, डीग, बयाना, कामां, नगर, गंगापुर सिटी का नाम जिला बनाने की मांग में शामिल है.
- जिला बनाने के लिए मापदंड
- जिले के गठन के लिए वर्तमान जिला मुख्यालय से दूरी न्यूनतम 50 किलोमीटर होनी चाहिए।
- आसपास के क्षेत्र, तहसील आदि मिलाकर करीब 10 लाख की आबादी होना।
- कम से कम 3 से 4 तहसील और उपखंड मुख्यालयों का शामिल होना।
- भविष्य की प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करने के आर्थिक संसाधन मौजूद हो।
- इसके साथ ही जिला स्तरीय कार्यालय जिसमें कलेक्ट्रेट, एसपी ऑफिस, जिला न्यायालय, राजकीय कॉलेज सहित अन्य दफ्तरों के भवनों की व्यवस्था होना जरूरी है।
- क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली, चिकित्सा, शिक्षा व रेल परिवहन की उचित व्यवस्था।
- सरहदी क्षेत्र में होने पर सेना या केंद्र की किसी एजेंसी या मंत्रालय की आपत्ति न होना, पड़ोसी राज्यों से कोई सीमा विवाद न हो और राजनीतिक स्तर पर भी कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
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