पंजाब बना बायोफर्टिलाइडर लैब शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य

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पंजाब बना बायोफर्टिलाइडर लैब शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य

राजनीति//Punjab/Chandigarh :

बागवानी की नवीनतम तकनीकों को किसानों के खेतों में लाने और बागवानी फसलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए पंजाब के बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने शुक्रवार को सिट्रस एस्टेट, होशियारपुर में बागवानी विभाग के तहत जैव उर्वरक प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।

जौरामाजरा ने कहा कि राज्य में जमींदारों की रासायनिक खाद की लागत कम करने और मिट्टी को रासायनिक खाद से दूषित होने से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना के तहत 2.50 करोड़ रुपये की लागत से प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है.

 मंत्री ने बताया कि इस लैबारटरी में भारत सरकार की संस्था आईसीएआर-आइएआरआइ के साथ एमओयू द्वारा 10 तरह की जैविक खादें  जैसे कि एजोटोबैक्टर कैरियर आधारित, पीएसबी कैरियर आधारित, एजोटोबैक्टर लिक्विड फारमूलेशन, पीएसबी लिक्विड फारमूलेशन, पोटेशियम घुलनशील बैक्टीरिया, (केएसबी) लिक्विड फारमूलेशन, जिंक घुलनशील बैक्टीरिया (जेडएसबी) लिक्विड फारमूलेशन, एनपीके , एम फंगी, आइएआरआइ कम्पोस्ट इनोकुलेंट, ट्राइकोडर्मा विर्डी तैयार की जाएंगी। ये खादें  किसान भाईचारे को मांग अनुसार वाजिब रेटों और ज़िला स्तर पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। 

इसके अलावा उद्यानिकी विभाग जागरूकता शिविर लगाकर इन जैविक खादों के उपयोग के संबंध में जमींदारों को आवश्यक तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराएगा।

जौरामाजरा ने कहा कि भारत सरकार की एजेंसी आईसीएआर-आईएआरआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला से तैयार जैविक खादों के प्रयोग से रासायनिक खादों के प्रयोग को 15-20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है, जो सीधे जमींदार की आय में वृद्धि करता है।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब राज्य भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने मिट्टी, पानी और पानी की रक्षा के लिए अत्याधुनिक जैव उर्वरक प्रयोगशाला स्थापित की है। उन्होंने  समस्त कृषक समुदाय से अपील की कि वे इस प्रयोगशाला में तैयार जैविक खादों का प्रयोग अपने खेतों में करें ताकि पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सके।


 

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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