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वक्फ बोर्ड द्वारा मदरसों की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की क्रांति ,उम्मीद से उलट हुआ फैसले का स्वागत,संस्कृत भी पढ़ेंगे बच्चे

वक्फ बोर्ड द्वारा मदरसों की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की क्रांति

एजुकेशन, जॉब्स और करियर

वक्फ बोर्ड द्वारा मदरसों की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की क्रांति ,उम्मीद से उलट हुआ फैसले का स्वागत,संस्कृत भी पढ़ेंगे बच्चे

एजुकेशन, जॉब्स और करियर/सरकारी/Uttrakhand/Dehradun :

देवभूमि उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने फैसला लिया है कि मदरसों में एनसीईआरटी के अंतर्गत आने वाले विषयों की पढ़ाई होगी। इसमें अन्य विषयों की तरह संस्कृत भाषा की भी पढ़ाई की जाएगी। यही नहीं, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कुरान का संस्कृत भाषा में अनुवाद भी कराया है।

कांग्रेस का तंज 
वहीं, कॉन्ग्रेस ने हमेशा की तरह इस फैसले पर भी सवाल उठाया है। कॉन्ग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए कहा है कि वक्फ बोर्ड को कुरान का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी कराना चाहिए, ताकि बच्चों को अन्य भाषाओं की भी जानकारी मिल सके। बताते चलें कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड राज्य में 103 मदरसों का संचालन करता है।

वक्फ बोर्ड ने उठाया बड़ा कदम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस नए निर्णय का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, “राज्य के मदरसों में एनसीईआरटी के अंतर्गत आने वाले सभी विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए राज्य में नए और मॉडर्न मदसरे भी बनाए जा रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अब बच्चे गणित, विज्ञान, हिंदी के साथ ही संस्कृत और अंग्रेजी की भी पढ़ाई करेंगे। संस्कृत विषय को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत में कुरान लिखी गई है। इस कुरान को मदरसा शिक्षा कमेटी में भी शामिल किया गया है।” उन्होंने कहा इसके लिए यहाँ नए और मॉर्डन मदरसे भी बनाए जा रहे हैं।

अन्य भाषाओँ की भी दी जाएगी जानकारी 
शम्स ने बताया कि उत्तराखंड के मदरसों में NCERT के सिलेबस को लागू किया गया है। जिसके अंतर्गत अब मदरसों में संस्कृत समेत दूसरी भाषाएं भी बच्चों को पढ़ाई जाएंगी।  इसके लिए टीचर्स भी नियुक्त किए जाएंगे। शादाब शम्स ने कहा है कि बड़े पैमाने में लोगों का संस्कृत की ओर रुझान बढ़ रहा है। 

करीब 50 मदरसों ने भी की अपने यहां बदलाव की मांग  
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के वैज्ञानिक और इस्मालिक शिक्षा को मिलाकर शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करने के कार्यक्रम को लेकर राज्य के मदरसों ने बहुत उत्साह दिखाया है। शादाब शम्स ने कहा, “कार्यक्रम के पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में चार मदरसों में किए गए शिक्षा के आधुनिकीकरण को देखते हुए करीब 40-50 मदरसों ने हमसे संपर्क कर उनके यहां भी आधुनिकीकरण किए जाने की मांग की है। ” जानकारी के मुताबिक, इन मॉडर्न मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का ड्रेस कोड भी होगा, जो वक्फ बोर्ड तय करेगा। 

स्मार्ट क्लास में पढ़ेंगे बच्चे
शम्स ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पुस्तकों के साथ ही विज्ञान, मानविकी और कम्प्यूटर शिक्षा दी जाएगी. पढ़ाई के साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि मदरसों में अरबी तथा धार्मिक पढ़ाई के साथ ही संस्कृत शिक्षा की पढ़ाई को भी लागू किया जा रहा है। शम्स ने बताया कि पहले चरण में चयनित मदरसों में इस प्रकार की पढ़ाई के लिए आधारभूत ढ़ांचा विकसित किया जा रहा है। 

कड़े विरोध की थी आशंका 
शम्स ने कहा, “ यह किसी क्रांति से कम नहीं है। हमें राज्य में मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण के प्रयास के खिलाफ मुसलमान परिवारों से कड़े विरोध की आशंका थी, लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल उलट रही । बच्चों के अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत किया। वे राज्य के ज्यादा से ज्यादा मदरसों को आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत लाना चाहते हैं। ” 

पहले चरण में चार मदरसे से होगी शुरुवात 
चेयरमैन शादाब ने आगे कहा कि पहले चरण में चार मदरसों के आधुनिकीकरण की कवायद पूरी होने के बाद दूसरे चरण में अन्य मदरसों का चयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने बोर्ड को मदरसों में शिक्षा के आधुनिकीकरण में हर मदद का भरोसा दिया है।  उत्तराखंड वक्फ बोर्ड प्रदेश में 103 मदरसों का संचालन करता है। 

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author

सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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