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अगर आपका पैसा भी सहारा में फंसा है...तो इसे जरूर पढ़ें

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अगर आपका पैसा भी सहारा में फंसा है...तो इसे जरूर पढ़ें

आर्थिक//Delhi/New Delhi :

सहारा ग्रुप की कंपनियों में फंसा है लाखों निवेशकों का पैसा

सहारा ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक दशक के दौरान सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138 करोड़ रुपये का रिफंड किया है। पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। सेबी ने अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। 
उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के मुताबिक सहारा की दो कंपनियों के बॉन्डधारकों को अगस्त, 2012 में लगभग तीन करोड़ निवेशकों को ब्याज सहित पैसा वापस करने के लिए कहा गया था लेकिन अधिकांश बॉन्डधारकों के दावों के अभाव में सेबी की ओर से पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान वापस की गई कुल राशि सिर्फ नौ करोड़ रुपये ही बढ़ी। वहीं, सेबी-सहारा रिफंड खातों में शेष राशि इस दौरान 1,515 करोड़ रुपये बढ़ी।
क्या कहती है सेबी की रिपोर्ट
सेबी ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उसे 31 मार्च, 2022 तक 19,650 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें रिफंड के कुल 82.31 करोड़ रुपये के दावे शामिल थे। इसमें से उसने 17,526 मामलों में 68 करोड़ रुपये के ब्याज सहित 138 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया। इससे पहले सेबी ने जो जानकारी दी थी उसमें बताया था कि 31 मार्च, 2021 तक उसने कुल 129 करोड़ रुपये का रिफंड दिया है। 
सहारा के खिलाफ जांच
सहारा की योजनाओं में लाखों लोगों ने जमकर पैसा लगाया था लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें अपनी रकम का इंतजार है। दरअसल, 25 दिसंबर 2009 और 4 जनवरी 2010 को सेबी को दो शिकायतें मिलीं। इनमें कहा गया कि सहारा की कंपनियां वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर रही है और गलत तरीके से धन जुटा रही है। इन शिकायतों से सेबी की शंका सही साबित हुई। इसके बाद सेबी ने इन दोनों कंपनियों की जांच शुरू कर दी।
सेबी को जांच मिली खामियां
सेबी ने पाया कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड ने ओएफसीडी के जरिए दो से ढाई करोड़ निवेशकों से करीब 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सेबी ने सहारा की इन दोनों कंपनियों को पैसा जुटाना बंद करने का आदेश दिया और कहा कि वह निवेशकों को 15 फीसदी ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाए। समय के साथ, सुप्रीम कोर्ट और सेबी दोनों ही इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग की तरह लेने लगे। उन्होंने सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट और संपत्ति को फ्रीज करना शुरू कर दिया।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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