क्राइम //Uttar Pradesh /Lucknow :
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बलात्कार की शिकार एक महिला को 28 साल बाद न्याय मिला। घटना के समय पीड़ित की उम्र 12 साल थी। पीड़ित ने दुष्कर्म के बाद एक बेटे को जन्म दिया। 27 साल बाद बेटे को अपनी मां का पता चला तो उसने उसे न्याय दिलाते हुए अपने पिता के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई।
क्या है पूरा मामला
चार मार्च 2021 को महिला ने कोर्ट के आदेश पर थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया गया कि वर्ष 1994 में वह अपनी बहन व बहनोई के साथ एक मोहल्ले में रहती थी। उनके बहनोई सरकारी नौकरी में थे, जबकि बहन प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थीं। एक दिन मोहल्ले का नकी हसन घर में घुस आया और उसने उससे बलात्कार किया। अगले दिन हसन के भाई गुड्डू ने बलात्कार किया। पीड़ित गर्भवती हो गई। उसने एक बेटे को जन्म दिया, जिसे हरदोई के एक दंपती को दे दिया था। पीड़ित की शादी गाजीपुर के एक व्यक्ति के साथ कर दी गई थी। लेकिन, दस वर्ष के बाद जब पीड़ित महिला के पति को अपनी पत्नी के अतीत का पता चला तो उसने संबंध विच्छेद कर लिये।
पीड़ित महिला के बेटे ने करीब 27 साल बाद अपने माता-पिता के बारे में जानना चाहा तो उसे उसकी मां का नाम बताया गया। अपनी मां की कहानी सुनने के बाद बेटे के कहने पर आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पीड़ित ने न्यायालय का सहारा लिया। महिला ने शिकायत दी और अदालत के आदेश पर सदर बाजार थाने में दो आरोपियों के विरुद्ध सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद आरोपियों तथा महिला एवं उसके बेटे का डीएनए परीक्षण कराया गया था।
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